शाह फैसल
शाह फैसल (जन्म 17 मई 1983) भारत के जम्मू कश्मीर राज्य में एक सिविल सर्वेंट थे। 2009 में वे भारतीय सिविल सेवा परीक्षा टॉप करने वाले पहले कश्मीरी थे और खुले मेधा के द्वारा भारतीय प्रशासनिक सेवा में चयनित पहले कश्मीरी थे।[1] मनमोहन सिंह ने भी उन्हें उनकी सफलता पर उन्हें बधाई दी थी वह जम्मू और कश्मीर राज्य में यूथ आइकॉन की तरह उभरे थे। बाद में उन्होंने पद से इस्तीफा देकर राजनीति में कदम रखा और दूसरी अलगववादी पार्टियों के साथ राजनीतिक गठबंधन किया।
शाह फैसल | |
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पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह के साथ शाह फैसल | |
जन्म | 17 मई 1983 लोलाब घाटी, कुपवाड़ा, जम्मू और कश्मीर, भारत |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
जीवन संगी | इराम |
निवास | कुपवाड़ा, जम्मू और कश्मीर, भारत |
शैक्षिक सम्बद्धता | शेरे-कश्मीर इंस्टीट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंस |
पेशा | भारतीय प्रशासनिक सेवा |
धर्म | सुन्नी इस्लाम |
दर्शनों की संख्या पर कश्मीर-भारत संबंधों संपादित करें
शाह फैसल ने भारत और पाकिस्तान के बीच रिश्तों के बारे में काफी कुछ बहुत ही सुक्ष्म तरीके से कहा है जिसे काफी बार सराहा गया है। 2016 में कश्मीर में अशांति के दौरान शाह फैसल ने राष्ट्रीय मीडिया को बुरहान वाणी से तुलना करने के लिए उनके तस्वीर का इस्तमाल करने को मना किया।
आलोचना संपादित करें
कई कश्मीरी उन्हें भारतीय नौकरशाही का 'पोस्टर बॉय ' कहते हैं।
सन्दर्भ संपादित करें
- ↑ "'More people must speak up against toxic polarisation'". मूल से 16 दिसंबर 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 16 दिसंबर 2018.