सदस्य:Ananta0008/प्रयोगपृष्ठ



   झपताल-यह दस मात्राओं की ताल है।
   ताल भारतीय प्रणाली कि लय है। ताल की मूल अवधारणा हैं- तालि ,खाली ,ठेका ,लय ,विभाग ,मात्रा ,बोल ,सम और अवर्तन है।
   झपताल एक बहुत जाना पहचाना दस मात्राओं वाला ताल है। झपताल तीनताल के बाद हिंदुस्तानी संगीत का एक बहुत ही मशहूर राग है। इसका तालबद्ध तीनताल से काफ़ी अलग है। झपताल सममित नहींं है। झपताल का इतिहास शास्त्रीय और अर्ध शास्त्रीय संगीत में समरुद्ध है। झपताल भजन,रबिन्द्र संगीत और खयाल के रूप में पाया जाता हैं। 
    झपताल एक दस मात्राओं का पैटर्न है जो राग प्रदर्शनी में काम आता है। इसमें हर चार विभाग में दस मात्रा होती हैं 2-3-2-3, जो तीसरी है वो खाली है, या खुला विभाजन। ताल का पालन करने के लिए दर्शक उपयक्त मात्रा पर ताली बजाते है जो कि 1,3 और 8 है। एक हाथ की लहर 6 बीट दर्शाती है, पहली मात्रा खाली अनुभाग की है। 
  

ताली और लहर की श्रुंखला: ताली, 2, ताली, 2, 3, लहर, 2, ताली, 2, 3

झपताल में बोल (ठेका) का एक विशेष पैटर्न होता है।

झपताल के लिए ठेका धिं ना । धिं धिं ना । x 2 ती ना । धिं धिं ना ॥ o 3

ध्यान दें- हर एक विभाजन की पहली मात्रा पर ताली का इस्तमाल होता है। धी पहले, दूसरे और तीसरे विभाजन की शुरूआत पे बजाया जाता है। खाली विभाजन के लिए, ना - एक दायें हाथ का बोल दिखाता है कि विभाजन खुला होता है।