सरिय्या अबू आमिर अशअरी

सरिय्या हज़रत अबू आमिर अशअरी रज़ि० का सैन्य अभियान मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के आदेश पर जनवरी 630, इस्लामी कैलेंडर के 10वें महीने, 8 हिजरी औतास में हुआ था।

सरिय्या हज़रत अबू आमिर अशअरी रज़ि०
मुहम्मद की सैन्य उपलब्धियाँ का भाग
तिथि जनवरी 630 AD या 8AH, इस्लामिक कैलेंडर का 10वां महीना[1]
स्थान औतास
परिणाम
  • अबू आमिर अशअरी रज़ि० शहीद हो गए
सेनानायक
अबू आमिर अशअरी  
अबू मूसा अशअरी
दुरैद बी. as-सिमह
शक्ति/क्षमता
अनजान अनजान
मृत्यु एवं हानि
1 9 (Tabari)[2]

पृष्ठभूमि संपादित करें

इस अभियान में, मुहम्मद ने अबू अमीर अल-अशरी के नेतृत्व में कई मुसलमानों को भेजा। मुसलमानों ने दुश्मन का पीछा किया, जिसके बाद एक झड़प हुई और पलटन का नेता अबू आमिर अशअरी शहीद (इस्लाम) हो गया।

अभियान संपादित करें

अर्रहीकुल मख़तूम में इस्लाम के विद्वान सफिउर्रहमान मुबारकपुरी लिखते हैं कि सरिय्या औतास में हार जाने के बाद दुश्मन के एक गिरोह ने तायफ का रुख किया, एक नख़ला की ओर भागा और एक ने औतास की राह ली। अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने अबू आमिर अशअरी रज़ि० के नेतृत्व में पीछा करने वालों की एक टीम औतास की ओर रवाना की दोनों फ़रीकों में थोड़ी सी झड़प हुई, इसके बाद मुश्कि भाग खड़े हुए। अलबत्ता उसी झड़प में उस टुकड़ी के कमांडर अबू आमिर अशअरी रज़ि० शहीद हो गए।

मुसलमान घुड़सवारों की एक दूसरी टीम ने नख़ला की ओर पसपा : होने वाले मुश्किों का पीछा किया और दुरैद बिन सम्मा को जा पकड़ा जिसे रबीआ बिन रफीअ रज़ि० ने कत्ल कर दिया। [3]

इस्लामी प्राथमिक स्रोत संपादित करें

घटना का उल्लेख सुन्नी हदीस संग्रह, सहीह अल-बुखारी में इस प्रकार है:

सुनाई अबू मूसा: जब पैगंबर हुनैन की लड़ाई से समाप्त हो गए थे, तो उन्होंने अबू अमीर को एक सेना के प्रमुख के रूप में औतस भेजा, वह (यानी अबू अमीर) दुरैद बिन के रूप में सुम्मा से मिले और दुरैद मारा गया और अल्लाह ने उनके साथियों को हरा दिया। पैगंबर ने मुझे अबू अमीर के साथ भेजा। अबू अमीर के घुटने में एक तीर मारा गया जिसे जुश्म के एक आदमी ने गोली मार कर उसके घुटने में लगा दिया। मैं उनके पास गया और कहा, "अंकल! किसने गोली मारी?" उसने मुझे (अपने हत्यारे को) इशारा करते हुए कहा, "वह मेरा हत्यारा है जिसने मुझे (तीर से) गोली मारी है।" तब मैं उसकी ओर बढ़ा और उसे जा पकड़ा, और जब उसने मुझे देखा, तो वह भागा, और मैं उसके पीछे हो कर उस से कहने लगा, क्या तुझे लज्जित होना न पड़ेगा? तब वह व्यक्ति रुक ​​गया, और हमने तलवारों से दो वार किए और मैंने उसे मार डाला। फिर मैंने अबू आमिर से कहा। "अल्लाह ने तुम्हारे हत्यारे को मार डाला है।" उसने कहा, "इस तीर को बाहर निकालो" तो मैंने इसे हटा दिया, और घाव से पानी निकलने लगा। फिर उन्होंने कहा, "हे मेरे भाई के बेटे! पैगंबर को मेरी तारीफों से अवगत कराएं और उनसे मेरे लिए अल्लाह से माफी मांगने का अनुरोध करें।" अबू अमीर ने मुझे लोगों (अर्थात् सैनिकों) की कमान में अपना उत्तराधिकारी बनाया।

वह कुछ देर तक जीवित रहा और फिर मर गया। (बाद में) मैं वापस लौटा और पैगंबर के घर में प्रवेश किया, और उन्हें रस्सियों से बुने हुए खजूर के पत्तों के डंठल से बने एक बिस्तर पर लेटे हुए पाया, और उस पर बिस्तर था। उसकी पीठ और बाजू पर बिस्तर के तारों के निशान थे। अबू अमीर ने मुझे लोगों (अर्थात् सैनिकों) की कमान में अपना उत्तराधिकारी बनाया। वह कुछ देर तक जीवित रहा और फिर मर गया। (बाद में) मैं वापस लौटा और पैगंबर के घर में प्रवेश किया, और उन्हें रस्सियों से बुने हुए खजूर के पत्तों के डंठल से बने एक बिस्तर पर लेटे हुए पाया, और उस पर बिस्तर था। उसकी पीठ और बाजू पर बिस्तर के तारों के निशान थे। अबू अमीर ने मुझे लोगों (अर्थात् सैनिकों) की कमान में अपना उत्तराधिकारी बनाया।

वह कुछ देर तक जीवित रहा और फिर मर गया। (बाद में) मैं वापस लौटा और पैगंबर के घर में प्रवेश किया, और उन्हें रस्सियों से बुने हुए खजूर के पत्तों के डंठल से बने एक बिस्तर पर लेटे हुए पाया, और उस पर बिस्तर था। उसकी पीठ और बाजू पर बिस्तर के तारों के निशान थे। [4]

सराया और ग़ज़वात संपादित करें

 

इस्लामी शब्दावली में अरबी शब्द ग़ज़वा [5] इस्लाम के पैग़ंबर के उन अभियानों को कहते हैं जिन मुहिम या लड़ाईयों में उन्होंने शरीक होकर नेतृत्व किया,इसका बहुवचन है गज़वात, जिन मुहिम में किसी सहाबा को ज़िम्मेदार बनाकर भेजा और स्वयं नेतृत्व करते रहे उन अभियानों को सरियाह(सरिय्या) या सिरया कहते हैं, इसका बहुवचन सराया है।[6] [7]

इन्हें भी देखें संपादित करें

सन्दर्भ संपादित करें

  1. Hawarey, Mosab (2010). The Journey of Prophecy; Days of Peace and War (Arabic). Islamic Book Trust. मूल से 22 मार्च 2012 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 22 जनवरी 2023.Note: Book contains a list of battles of Muhammad in Arabic, English translation available here
  2. Tabari, Al (25 Sep 1990), The last years of the Prophet (translated by Isma'il Qurban Husayn), State University of New York Press, पृ॰ 17, आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-0-88706-691-7. See 128 in notes section
  3. सफिउर्रहमान मुबारकपुरी, पुस्तक अर्रहीकुल मख़तूम (सीरत नबवी ). "पीछा किया जाना". पृ॰ 851. अभिगमन तिथि 13 दिसम्बर 2022.
  4. सही अल बुखारी 5 : 59:612
  5. Ghazwa https://en.wiktionary.org/wiki/ghazwa
  6. siryah https://en.wiktionary.org/wiki/siryah#English
  7. ग़ज़वात और सराया की तफसील, पुस्तक: मर्दाने अरब, पृष्ट ६२] https://archive.org/details/mardane-arab-hindi-volume-no.-1/page/n32/mode/1up

बाहरी कड़ियाँ संपादित करें