सर्वप्रथम मातृवंशी नारी

मनुष्यों की आनुवंशिकी (यानि जॅनॅटिक्स) में सर्वप्रथम मातृवंशी नारी या माइटोकांड्रियल ईव उस अज्ञात नारी को कहते हैं जो आज के विश्व में मौजूद सारे नारियों ओर पुरुषों की निकटतम सांझी पूर्वजा थी। दुनिया में जितने भी मनुष्य मातृवंश समूह हैं वे सभी इसी सर्वप्रथम मातृवंशी नारी की संतति की उपशाखाएँ हैं। वैज्ञानिक अनुमान लगाते हैं के यह नारी अफ़्रीका के महाद्वीप पर आज से २००,००० साल पहले रहा करता थी।[1] यह ध्यान योग्य बात है के अनुसंधान से पता लगा है के आधुनिक मनुष्य जाती के पुरुषों के सर्वप्रथम पितृवंशी पुरुष (जो विश्व के सारे पुरुषों का निकटतम सांझा पूर्वज था) ने इस नारी से लगभग ५०,००० से ८०,००० साल बाद अपना जीवनकाल व्यतीत किया।[2]

अन्य भाषाओँ में संपादित करें

अंग्रेज़ी में "सर्वप्रथम मातृवंशी नारी" को "माइटोकांड्रियल ईव" (mitochondrial Eve), "निकटतम सांझे पूर्वज" को "मोस्ट रीसॅन्ट कॉमन ऐन्सिस्टर" (most recent common ancestor), "वंश समूह" को "हैपलोग्रुप" (haplogroup), "पितृवंश समूह" को "वाए क्रोमोज़ोम हैपलोग्रुप" (Y-chromosome haplogroup) और "मातृवंश समूह" को "एम॰टी॰डी॰एन॰ए॰ हैपलोग्रुप" (mtDNA haplogroup) कहते हैं।

इन्हें भी देखें संपादित करें

सन्दर्भ संपादित करें

  1. "Documentary Redraws Humans' Family Tree". मूल से 27 अप्रैल 2011 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 20 अप्रैल 2011.
  2. Mitochondrial Eve and Y-chromosomal Adam Archived 2013-03-16 at the वेबैक मशीन The Genetic Genealogist