यदि किसी चालक में प्रत्यावर्ती धारा प्रवाहित हो रही हो और उसके आस-पास एक या अधिक चालकों में भी धारा बह रही हो, तो पहले वाले चालक में धारा का वितरण प्रभावित हो जाता है। वास्तव में प्रथम चालक में धारा कम क्षेत्र में सिमट जाती है, अर्थात् चालक के कुछ क्षेत्रों में धारा घनत्व अधिक और कुछ में कम हो जाता है। इसे ही सामीप्य प्रभाव (proximity effect) कहते हैं। सामीप्य प्रभाव के कारण चालक का प्रभावी प्रतिरोध बढ़ जाता है। यह प्रभाव आवृत्ति के बढ़ने पर अधिक होता जाता है।

सामीप्य प्रभाव के कारण दो चालकों में धारा घनत्व का असमान वितरण : दो वृत्तीय परिच्छेद वाले कॉपर चालकों में १० अम्पीयर धारा २० किलोहर्ट्ज पर प्रवाहित की जा रही है। चालकों का व्यास ३ मिमी है और उनके बीच २ मिमी का स्थान रिक्त है।