सुखचैन सिंह चीमा(1951- 10 जनवरी 2018) एक भारतीय रेसलर थे। उन्होने वर्ष 1974 में तेहरान में हुए एशियाई खेलों में भारत के लिए कांस्‍य पदक जीता था। उनकी गिनती देश के दिग्‍गज पहलवानों में की जाती थी। उन्‍होंने कुश्‍ती में भारत को अंतरराष्‍ट्रीय स्‍तर पर पहचान दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी। उन्हें अर्जुन पुरस्कार के साथ कोचिंग के लिए को भारत सरकार द्वारा सर्वोच्‍च द्रोणाचार्य पुरस्कार से भी सम्‍मानित किया जा चुका है। रुस्तम-ए-हिंद ओलिंपियन पहलवान केसर सिंह चीमा और रुस्तम-ए-हिंद ओलिंपियन परविंदर सिंह चीमा के पिता थे। उन्होने कोच के रूप में कई पहलवानों को तैयार किया। वे पटियाला में अपना ट्रेनिंग सेंटर चलाते थे, जहां उनके द्वारा पहलवानों को ट्रेनिंग दी जाती थी। उनका एक सड़क हादसे में निधन को गया है। उल्लेखनीय है कि पंजाब के पटियाला बाईपास में एक सड़क दुर्घटना में उनकी मौत हो गयी।[1]

सुखचैन सिंह चीमा
व्यक्तिगत जानकारी
राष्ट्रीयता भारतीय
जन्म 1951
पटियाला, पंजाब
मृत्यु 10 जनवरी 2018
पटियाला, पंजाब
निवास हरियाणा
खेल
देश भारत
खेल पहलवान
प्रतिस्पर्धा फ्रीस्टाइल पहलवानी

सन्दर्भ संपादित करें

  1. "सड़क दुर्घटना में मशहूर पहलवान और कोच सुखचैन सिंह चीमा का निधन". एनडीटीवी इंडिया. मूल से 16 जनवरी 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 20 जनवरी 2018.