स्वामी विशुद्धानन्द रामकृष्ण मिशन के ८वें अध्यक्ष थे।

स्वामी विशुद्धानन्द जी महाराज जिस प्रकार सनातन धर्म के उच्च आध्यात्मिक ज्ञान के ज्वलन्त प्रतीक थे उसी प्रकार नक्षत्र विज्ञान, गन्धविज्ञान, वायुविज्ञान आदि उच्च विज्ञान के भी वे प्रामाणिक उदाहरण हैं। सूर्य रश्मियों के किरण द्वारा संसार के किसी भी कार्य की सृष्टि कर, उन्होंने तत्कालीन अनेक वैज्ञानिक, पत्रकार एवं विख्यात लोगों को दिखाया था, जिससे प्राचीन भारत में उच्चतम वैज्ञानिक ज्ञान का होना प्रमाणित होता है। साथ ही सनातन धर्म में प्रतिपादित सृष्टि सिद्धान्तों की सत्यता भी प्रमाणित होती है क्योंकि उसी ज्ञान के आधार पर स्वामी जी आत्म बल द्वारा एवं विज्ञान द्वारा भौतिक पदार्थों की रचना एवं अन्य आश्चर्यजनक विभूतियों को प्रत्यक्ष दिखाते थे, जो अभी भी वैज्ञानिकों के लिए अकल्पनीय हैं।

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