हकलाना

रुक रुक कर बोलने की बीमारी

हकलाना (अंग्रेज़ी: stammering या stuttering, स्टैमरिन्ग या स्टटरिन्ग) मानव वाक-शक्ति में एक प्रकार की वाक बाधा होती है जिसमें बोलने वाले न चाह कर भी शब्दों की ध्वनियाँ दोहराता है, उन्हें खींचता है और कभी-कभी अटककर आवाज़ निकालने में असमर्थ हो जाता है। अक्सर देखा गया है कि हकलाने वाले बहुत बुद्धिमान होते हैं और हकलाने का बुद्धिमानी से कोई सम्बंध नहीं है। यह एक आम वाक बाधा है और अध्ययन से पाया गया है कि अमेरिका के १% लोग, यानि ३० लाख अमेरिकी, हकलाते हैं।[1] अनुमान लगाया गया है कि अपने जीवनकाल में लगभग ५% लोग किसी-न-किसी आयु में हकलाते हैं।[2] लड़कों में यह स्थिति लड़कियों से दो से पाँच गुना ज़्यादा पाई जाती है।[3]

लुइस कैरल (ऐलिस इन वन्डरलैंड के प्रसिद्ध लेखक) और उनके अधिकतर भाई-बहन हकलाते थे

इन्हें भी देखें संपादित करें

सन्दर्भ संपादित करें

  1. Diseases and Disorders, pp. 499, Marshall Cavendish, 2007, ISBN 9780761477723, ... In the United States the prevalence of stuttering is about 1 percent of the general population, that is, around 3 million people ...
  2. Mansson, H. (2000). "Childhood stuttering: Incidence and development". Journal of Fluency Disorders 25 (1): 47–57. doi:10.1016/S0094-730X(99)00023-6
  3. Kloth, S; Janssen, P; Kraaimaat, F; Brutten, G (1995). "Speech-motor and linguistic skills of young people who stutter prior to onset". Journal of Fluency Disorders 20 (20): 157–70. doi:10.1016/0094-730X(94)00022-L.