अंगिरा मैन्यु
पारसी धर्म में "विनाशकारी आत्मा" का मूर्त रूप
अंगिरा मैन्यु अथवा अह्रिमान् पारसी पंथ में नकारात्मक अथवा विनाशक शक्तियों के स्वामी के रूप में वर्णित है। यह अहुर मज़्द के विरोधी देवता के रूप में स्वीकार किया गया है। यह पारसी पंथ की मौलिक संकल्पना माना जाता है,[1] हालाँकि, अन्य प्राचीन ग्रन्थों में वर्णित द्वैतवाद की भांति इस अहुर मज़्द - अह्रिमान् रुपी संकल्पना को भी ईश्वर-शैतान, शुभ-अशुभ, सत्य-असत्य या पाप-पुण्य की शक्तियों के द्वैतवाद के रूप में देखा जाता है।[2] अहुर मज़्द को जीवन, प्रकाश और नैतिकता का स्रोत माना गया है और अहिरमन को अन्धकार तथा मृत्यु का।[3]
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ Duchesne-Guillemin, Jacques (1982), "Ahriman", Encyclopaedia Iranica, 1, New York: Routledge & Kegan Paul, पपृ॰ 670–673
- ↑ Shobha Nigam. Pashchatya Darshan Ke Sampraday. Motilal Banarsidass Publishe. पपृ॰ 77–. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-81-208-2469-0.
- ↑ Arjuna Chaube Kaśyapa (1952). Viśva kē itihaāsa aura sabhyatā kā paricaya. Rājarājeśvarī Pustakālaya.
यह धर्म-संबंधी लेख एक आधार है। जानकारी जोड़कर इसे बढ़ाने में विकिपीडिया की मदद करें। |