अंबिका जे.के. एक लेखक और सामाजिक कार्यकर्ता हैं, [1][2]जो मलयालम में लिखते हैं। अंबिका ने मलयालम में कई किताबें लिखी हैं, उन्होंने हिंदी फिल्म 'इन द नेम ऑफ लव '(2018) के लिए पटकथा भी लिखी है।[3] अंबिका ने सबरीमाला के लिए महिलाओं के प्रवेश जैसे कई मुद्दों पर सार्वजनिक रूप से अपनी राय दी है और वह नई दिल्ली के बालागोकुलम से भी जुड़ी हुई हैं।[4][5][6]

अंबिका जे.के
जन्म15 जून 1978
पालक्काड़,
पेशालेखिका
राष्ट्रीयताभारतीय
खिताबप्रीतिभा पुरस्कार (2018)

व्यक्तिगत जीवन संपादित करें

अंबिका जे.के का जन्म पालक्काड़ में हुआ था। उसकी शादी जयकृष्णन से हुई। उनकी एक बेटी है जिसका नाम अम्मू है[7]

अंबिका जे के द्वारा पुस्तकें संपादित करें

बाहरी कड़ियाँ संपादित करें

सन्दर्भ संपादित करें

  1. "संग्रहीत प्रति". मूल से 19 अगस्त 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2 मार्च 2020.
  2. "संग्रहीत प्रति". मूल से 4 नवंबर 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2 मार्च 2020.
  3. https://www.imdb.com/title/tt8286934/
  4. "संग्रहीत प्रति". मूल से 18 अगस्त 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2 मार्च 2020.
  5. https://haindavakeralam.com/balagokulam-delhi-updates-new-hk6837
  6. "संग्रहीत प्रति". मूल से 18 अगस्त 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2 मार्च 2020.
  7. "संग्रहीत प्रति". मूल से 4 नवंबर 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2 मार्च 2020.