अक्षर भारती एक स्वयंसेवी संस्था है। इसकी स्थापना अप्रैल २००७ मई ५-१५ वर्ष के आयु के वंचित वर्ग के बच्चें तक शिक्षा पहुंचाने के मिशन से इस संस्था का स्थापना किया गया। इसके लिए दूर-दराज के गाँवो में पुस्तकालय की स्थापना की है। २०२० तक सशक्त भारत के निर्माण के लक्ष्य को पाने में यह संस्था अपना रचनात्मक सहयोग दे रही है। पुस्कालय की स्थापना इस विचार से किया गया कि जब उसे पढ़ने की जरूरत पढे तो वो पढ़ सकें।

सेवा सम्बंधित कार्य संपादित करें

  • पुस्तकालय के माध्यम से बच्चों में पढ़ने की आदत बने इस लक्ष्य पर काम करती है।
  • बहुत ही आसान तरीके से लोगों को संस्था अपने साथ जोडती है।
  • संस्था प्रोजेक्ट ध्रुव के माध्यम से बच्चें को अपने अनुभव अक्षर भारती कार्यकर्ता के साथ बांटने का मौक़ा देता है।
  • कुछ कार्य जो प्रोजेक्ट ध्रुव में संभव हुआ है- आसान लेखन शैली, कहानी सुनना, सामूहिक पढ़ाई, चित्र कला, अंग्रेजी शिक्षा, कम्प्यूटर शिक्षा, कहानी सुनना, सामूहिक पढाई, चित्र कला, अंगरेजी शिक्षा, खेल, कला आदि.

सेवा कार्य का परिणाम संपादित करें

  • अप्रैल २००७ से अप्रैल २०१० तक २०० पुस्कालय खोली गई।
  • आज २०,००० बच्चे, अक्षर भारती के पुस्तकालय में संचित १,९०,००० किताब से लाभान्वित हुआ है।

बाहरी कड़ियाँ संपादित करें