अगस्त्यमुनि

महर्षि अगस्त्य एक वैदिक ॠषि थे। ये वशिष्ठ मुनि के बड़े भाई थे। इनका जन्म श्रावण शुक्ल पंचमी (तदनु

अगस्त्यमुनि का जिक्र कई हिंदू ग्रंथों में आया है। ये एक सिद्धि युक्त मुनि हुए हैं जिन्होंने अपनी सिद्धि के बल से एक बार सातों समुद्रों को पी लिया था और वापस निकाल दिया था।[1]

  1. गीता प्रेस गोरखपुर से छपी पुस्तक सुखसागर.