अग्गुका प्रथम (770 - 790) सैंधव वंश के शासक थे और 8वीं शताब्दी की अंतिम तिमाही के दौरान सैंधव नौसैनिक बेड़े के कमांडर थे। वे कृष्णराज प्रथम के पुत्र थे।[2]

अग्गुका प्रथम
सेंधव के महाराजा
पूर्ववर्तीकृष्णराज प्रथम[1]
राजवंशसेंधव
पिताकृष्णराज प्रथम
धर्महिन्दू धर्म

उसके शासनकाल के दौरान अरबों ने सौराष्ट्र पर अपना वर्चस्व स्थापित करने के लिए एक नया प्रयास किया। 756 ईस्वी में सिंध के अरब राज्यपाल ने सैंधवों के खिलाफ नौसेना बेड़ा भेजा। लेकिन सैंधवों के पास एक मजबूत नौसेना बल था और उन्होंने इस नौसैनिक हमले को खारिज कर दिया। बाद में 776 ई. में अरबों द्वारा एक और नौसैनिक अभियान को अगुगुका प्रथम की कमान के तहत सैंधव नौसैनिक बेड़े द्वारा पराजित किया गया था। इसके बाद खलीफा अल-महदी ने नौसेना के माध्यम से भारत के किसी भी हिस्से पर आक्रमण करने का प्रयास नहीं किया। सैंधव शिलालेख में अग्गुका प्रथम समुद्रधिपति या पश्चिमी समुद्र के स्वामी के रूप में नामित किया गया था।[3][4]

  1. Dilip K. Chakrabarty (2010). The Geopolitical Orbits of Ancient India: The Geographical Frames of the Ancient Indian Dynasties. Oxford University Press. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9780199088324.
  2. John Middleton (2015). World Monarchies and Dynasties. Routledge. पृ॰ 489. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9781317451587.
  3. Kumar, Amit (2012). "Maritime History of India: An Overview". Maritime Affairs:Journal of the National Maritime Foundation of India. Taylor & Francis. 8 (1): 93–115. S2CID 108648910. डीओआइ:10.1080/09733159.2012.690562. In 776 AD, Arabs tried to invade Sind again but were defeated by the Saindhava naval fleet. A Saindhava inscription provides information about these naval actions.
  4. Sailendra Nath Sen (1 January 1999). Ancient Indian History and Civilization. New Age International. पपृ॰ 343–344. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-81-224-1198-0.