अग्रहरि सिख उत्तर और पूर्वी भारत का एक पिछड़ा सिख समुदाय हैं[1], जो मुख्यतः बिहार, झारखण्ड, पश्चिम बंगाल में पाए जाते हैं। इन्हें बिहारी सिख भी कहा जाता हैं[2], क्योंकि सदियों से अग्रहरि सिख का बिहार में बसेरा रहा है। यह समुदाय सिख के नौवे गुरु तेग बहादुर जी के समय में उनके आसाम यात्रा के दौरान सिख धर्म में परिवर्तित हुआ था।[3][4][5]

इन्हें भी देखें संपादित करें

सन्दर्भ संपादित करें

  1. "Sikhs and Sikhism in Eastern and North-Eastern India". Institute of Sikh Studies (अंग्रेज़ी में). मूल से 9 अगस्त 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 8 अगस्त 2014.
  2. "The identity of North-East Sikhs". Himadri Banerjee (अंग्रेज़ी में). August 24, 2003. मूल से 26 जनवरी 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 8 अगस्त 2014.
  3. "The Lost Tribes of The Sikhs". Sikh Chic (अंग्रेज़ी में). October 18, 2011. मूल से 10 अगस्त 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 8 अगस्त 2014.
  4. "IOSS Seminar 2009: A Report". Institute of Sikh Studies (अंग्रेज़ी में). मूल से 9 अक्तूबर 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 8 अगस्त 2014.
  5. "The Development of Sikh Tribes in India". Sikh Net (अंग्रेज़ी में). March 23, 2012. मूल से 9 अगस्त 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 8 अगस्त 2014.