अचला नागर
अचला नागर (अंग्रेज़ी: Achala Nagar) भारत से साहित्यकार, कथाकार, हिन्दी फ़िल्म पटकथाकार एवं संवाद लेखिका हैं। ये साहित्यकार अमृतलाल नागर की पुत्री हैं। निकाह(1982), आखिर क्यों(1985), बागबान(2003), ईश्वर (1989,फ़िल्म पटकथा), मेरा पति सिर्फ मेरा है(1990), निगाहें(1989), नगीना(1986) आदि उनकी प्रदर्शित प्रमुख फिल्में हैं। एक साहित्यकार के रूप में उनके दो कथा संग्रह क्रमश: नायक-खलनायक और बोल मेरी मछली तथा एक संस्मरण संग्रह बाबूजी बेटाजी एंड कंपनी प्रकाशित है। उन्हें साहित्य भूषण पुरस्कार, हिन्दी उर्दू साहित्य एवार्ड कमेटी सम्मान, यशपाल अनुशंसा सम्मान, साहित्य शिरोमणि सम्मान आदि से सम्मानित किया जा चुका है।[1]
अचला नागर | |
---|---|
जन्म | अचला नागर 2 दिसम्बर 1939 लखनऊ, उत्तर प्रदेश, भारत |
पेशा | फ़िल्म पटकथा एवं संवाद लेखिका |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
विधा | कथा-पटकथा |
विषय | साहित्य और सिनेमा |
आंदोलन | फ़िल्म पटकथा एवं कहानी |
उल्लेखनीय कामs | नायक-खलनायक और बोल मेरी मछली (कहानी संग्रह), निकाह(1982), आखिर क्यों(1985), बागबान(2003), ईश्वर (1989,फ़िल्म पटकथा) आदि। |
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "बाबूजी-बेटाजी एंड कंपनी". वेबदुनिया हिंदी. मूल से 28 अक्तूबर 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 25 जुलाई 2015. नामालूम प्राचल
|accessyear=
की उपेक्षा की गयी (|access-date=
सुझावित है) (मदद)