अजबदे पंवार महाराणा प्रताप की पत्नी तथा अमरसिंह सिसोदिया की माँ थी। इनके पिता का नाम राव माम्रक सिंह तथा माता का नाम हंसा बाई था। अजबदे पंवार ने महाराणा प्रताप की राजनीतिक मामलों में काफी मदद की थी। [1]

परन्तु राजनीतिक परिस्थितियों के कारण उन्ह अजबदे पंवार से दूर रहना पड़ा। फिर मारवाड़ से युद्ध जीत कर। जंगल से राव माम्रक जी राणा उदय सिंह और प्रताप को निमंत्रण दे कर उन्हें अपने साथ बिजोलिया ले गए। तब प्रताप का हृदय तेजी से धड़कने लगा। क्योंकि वह अजबदे के पास जा रहे थे। ऐसा ही अजबदे के साथ भी हुआ। जैसे ही प्रताप बिजोलिया पहुंचे वैसे ही अजबदे खिड़की से नीचे उतर रही थी और वह गिर गई। पर प्रताप ने उन्हें पकड़ लिया। फिर सभी लोग पूजा करने नदी पर गए और वहां प्रताप के गले में स्नान करते समय अजबदे की रुद्र माला आ गई। और पंडितो ने इसे ईश्वर का इशारा समझा और विवाह के लिए कहा और दोनों ही खुश थे । और विवाह हुआ ।

अजबदे जब 15 वर्ष की थी तब उनका विवाह मेवाड़ के शासक महाराणा प्रताप से कर दिया गया। [2]

  1. "संग्रहीत प्रति". मूल से 19 जनवरी 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 20 अप्रैल 2015.
  2. "संग्रहीत प्रति". मूल से 27 अप्रैल 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 20 अप्रैल 2015.