अजितनाथ
द्वितीय तीर्थंकर प्रभुजी
अजितनाथ जैन धर्म के २४ तीर्थकरो में से वर्तमान अवसर्पिणी काल के द्वितीय तीर्थंकर है।[1]अजितनाथ का जन्म अयोध्या के राजपरिवार में माघ के शुक्ल पक्ष की अष्टमी में हुआ था। इनके पिता का नाम जितशत्रु और माता का नाम विजया था। अजितनाथ का चिह्न हाथी था।[2]
अजितनाथ | |
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द्वितीय तीर्थंकर | |
![]() श्री अजितनाथ भगवान, मथुरा, चौरासी उत्तर प्रदेश | |
विवरण | |
अन्य नाम | अजीतनाथ |
पूर्व तीर्थंकर | ऋषभदेव |
अगले तीर्थंकर | सम्भवनाथ |
गृहस्थ जीवन | |
वंश | इक्ष्वाकु |
पिता | राजा जितशत्रु |
माता | विजयादेवी |
पंच कल्याणक | |
च्यवन स्थान | विजय नामक अनुत्तर विमान से |
जन्म स्थान | अयोध्या |
दीक्षा स्थान | सहेतुक वन अयोध्या नगरी |
केवल ज्ञान स्थान | अयोध्या नगरी |
मोक्ष | चैत्र शुक्ला पंचमी |
मोक्ष स्थान | सम्मेद शिखरजी |
लक्षण | |
रंग | स्वर्ण |
ऊंचाई | ४५० धनुष (१३५० मीटर) |
आयु | ७२,००,००० पूर्व (५०८.०३२ × १०१८ वर्ष) |
वृक्ष | सप्तपर्ण वृक्ष |
शासक देव | |
यक्ष | महायक्ष |
यक्षिणी | अजितबाला |
गणधर | |
प्रथम गणधर | श्री सिंहसेन |
गणधरों की संख्य | नब्बे गणधर |
जैन ग्रन्थों के अनुसार द्वितीय तीर्थंकर, अजितनाथ का जन्म प्रथम तीर्थंकर ऋषभनाथ के जन्म के बाद 50 लाख करोड़ वर्गरोस पम और 12 लाख पूर्व बीत जाने के बाद हुआ था। उनकी ऊंचाई 450 धनुष थी। उन्होंने 18 लाख पूर्व युवा अवस्था (कुमारकाल) में व्यतीत किए। उन्होंने अपने राज्य पर 53 लाख पूर्व और १ पूर्वांग तक शासन किया (राज्यकाल)। उन्होंने १ पूर्वांग कम १ लाख पूर्व काल संयम साधना में व्यतीत किया (संयमकाल)। भगवान अजिताथ की कुल आयु 72 लाख पूर्व की थी।
इन्हें भी देखेंसंपादित करें
सन्दर्भसंपादित करें
- ↑ "संग्रहीत प्रति". मूल से 14 सितंबर 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 9 नवंबर 2015.
- ↑ http://jainmuseum.com/history-of-ajitNath-bhagwan.htm
सन्दर्भ सूचीसंपादित करें
- Tandon, Om Prakash (2002) [1968], Jaina Shrines in India (1 संस्करण), New Delhi: Publications Division, Ministry of Information and Broadcasting, Government of India, आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 81-230-1013-3
- Tukol, T. K. (1980), Compendium of Jainism, Dharwad: University of Karnataka
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