अति परवलय

एक विमान में झूठ बोलने, चिकनी वक्र का प्रकार

गणित में अतिपरवलय एक ऐसा शांकव होता है जिसकी उत्केन्द्रता इकाई से अधिक होती है। एक अन्य परिभाषा के अनुसार अतिपरवलय ऐसे बिन्दुओं का बिन्दुपथ है जिनकी दो निश्चित बिन्दुओं से दूरियों का अंतर सदैव अचर रहता है। इन निश्चित बिन्दुओं को अतिपरवलय की नाभियाँ(focus) कहते हैं।

एक अति परवलय का ग्राफ.

एक अतिपरवलय, एक द्विविमीय समतलीय वक्र है, जो इसके ज्यामितीय गुणों या समीकरणों द्वारा परिभाषित किया जाता है। एक अतिपरवलय में दो भाग होते हैं, जिन्हें संयुग्मी घटक कहा जाता है, जो एक-दूसरे की दर्पण छवियां होती हैं और दोनों अनंत लंबे धनुष की तरह होती हैं। अतिपरवलय, शंकु परिच्छेद के तीन प्रकारों में से एक है, जो एक समतल और एक द्विशंकु द्वारा प्रतिच्छेदन पर निर्मित होता है। (अन्य शंकु परिच्छेद परवलय और दीर्घवृत्त हैं। एक वृत्त एक दीर्घवृत्त का एक विशेष रूप है।) यदि एक समतल, एक द्विशंकु के दोनों हिस्सों को प्रतिच्छेद करता है लेकिन वह समतल शंकुओं के शीर्ष से नहीं गुजरता है, तो शांकव एक अतिपरवलय होता है ।

एक अतिपरवलय दो भागों वाला एक खुला वक्र होता है, जो एक समतल द्वारा किसी द्विशंकु के दोनों भागों को प्रतिच्छेदित करने पर बनता है (बशर्ते यह समतल शंकुओं की अक्ष के समांतर न हो)। प्रत्येक स्थिति में, अतिपरवलय सममित होता है।

बिंदुपथ के रूप में अतिपरवलय की परिभाषा

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ज्यामिती में अतिपरवलय, यूक्लिड तल पर बिन्दुओं के एक बिन्दुपथ के रूप में परिभाषित किया जा सकता है।

 
अतिपरवलय

एक अतिपरवलय बिन्दुओं का एक बिंदुपथ है, माना किसी बिन्दु   के लिए, दो निश्चित बिन्दुओं  (नाभियाँ) से दूरियों   का अंतर सदैव नियत रहता है। आमतौर पर निम्न प्रकार दर्शाया जाता है  

 

दोनों नाभियों को मिलाने वाले रेखाखण्ड के मध्य-बिन्दु   को अतिपरवलय का केंद्र कहते हैं तथा यह रेखाखण्ड मुख्य-अक्ष कहलाती है। मुख्याक्ष पर शीर्ष   होते हैं जो केंद्र से   दूरी पर हैं। नाभि तथा केंद्र के बीच की दूरी   नाभीय दूरी कहलाती है। अनुपात   उत्केन्द्रता   के बराबर होता है।

कार्तीय निर्देशांक पद्धति में अतिपरवलय

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समीकरण:

अतिपरवलय का केंद्र मूलबिंदु, मुख्याक्ष x-अक्ष, तथा नाभियाँ  तथा शीर्ष   व नाभियाँ  

 
अतिपरवलय

तब अतिपरवलय पर किसी भी बिन्दु (x,y) के लिए अतिपरवलय का समीकरण

 

उत्केन्द्रता:

 

समकोणीय अतिपरवलय

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जब किसी अतिपरवलय में   हो तो यह समकोणीय अतिपरवलय कहलाता है। इस स्थिति में अतिपरवलय की उत्केन्द्रता सदैव   होती है। समकोणीय अतिपरवलय का समीकरण

 

 
समकोणीय अतिपरवलय
 
Conjugate unit rectangular hyperbolas। कार्तीय निर्देशांक पद्धति मै अति परवलय