अत्याधिक आत्मचेतना
अत्यधिक आत्मचेतना (अंग्रेज़ी: self-consciousness) स्वयं के बारे में अत्यधिक चेतना को कहते हैं। यह साधारण आत्मबोध और आत्मचेतना से भिन्न दशा है। इसमें दूसरों द्वारा साधारण स्तर से अधिक परखे जाने या देखे जाने की अप्रिय भावना हो सकती है। मनोविज्ञान में अत्यधिक आत्मचेतना को कभी-कभी संकोच, शर्म या संविभ्रम (paranoia) की स्थितियों से सम्बंधित पाया जाता है।[1] इस से व्यथित लोग अक्सर लगातार यह अनुमान लगाने में जुटे रहते हैं कि दूसरे उन्हें देखकर या सुनकर उनके बारे में क्या सोच रहे हैं और अपने प्रकट रूप पर ज़रुरत से अधिक ध्यान देते हैं।[2]
काल्पनिक दर्शक
संपादित करेंकुछ मनोवैज्ञानिकों के अनुसार अत्यधिक आत्मचेतना अक्सर किशोरावस्था में शुरू होती है और इसमें पीड़ित व्यक्ति को लगता है कि अन्य लोग उसे देख रहे हैं जबकि वास्तव में उसपर लोगों का ध्यान कम होता है या बिलकुल ही नहीं होता। इन 'काल्पनिक दर्शकों' (imaginary audience) के बारे में सोचने से व्यक्ति खुलकर अपने व्यक्तित्व के अनुसार काम नहीं कर पाता। वह अपनी बोलचाल और अन्य व्यवहारों पर अनुचित लगाम लगा लेता है।[2]
इन्हें भी देखें
संपादित करेंसन्दर्भ
संपादित करें- ↑ The Self-Conscious Emotions: Theory and Research, Jessica L. Tracy, Richard W. Robins, June Price Tangney, pp. 246, Guilford Press, 2007, ISBN 978-1-59385-486-7, ... Thus, embarrassment, shyness, and shame are all self-conscious states that depend, in part, on people's concern for what others may be thinking of them, but they are phenomenologically distinct ...
- ↑ अ आ Nebraska Symposium on Motivation, 1992 (Volume 40 of Current Theory and Research in Motivation), pp. 43, University of Nebraska Press, 1993, ISBN 978-0-8032-7576-8, ... imaginary audience ... serves to constrain or inhibit self-expression ... Public self -awareness is a prototypical 'state' version of the Coolean self. The publicly self-aware person is always checking and adjusting his or her behavior with respect to projections about what others think ...