अध्यादेश ऐसे कानून हैं , जिन्हें केंद्रीय मंत्रिमंडल की सिफारिश पर भारत के राष्ट्रपति (भारतीय संसद) द्वारा प्रख्यापित किया जाता है , जिसका संसद के अधिनियम के समान प्रभाव होगा । उन्हें केवल तभी जारी किया जा सकता है जब संसद सत्र में नहीं हो। वे भारत सरकार को तत्काल विधायी कार्यवाही करने में सक्षम बनाते हैं । अध्यादेश या तो संसद के छह सप्ताह के भीतर संसद द्वारा उन्हें मंजूर नहीं किए जाने पर, या यदि दोनों सदनों द्वारा अस्वीकृत प्रस्तावों को पारित कर दिया जाता है, तो वे कार्य करना बंद कर देते हैं। छह महीने के भीतर संसद का सत्र होना भी अनिवार्य है।[1] इस हेतु संविधान के अनुच्छेद 123 की व्यवस्था है। वर्ष 1950-2014 तक कुल ६७९ अध्यादेश जारी किए जा चुके हैं।[2]

1950 से 2014 तक पारित सभी अध्यादेशों की सूचि

इन्हें भी देखें

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  1. Chowdhury, Kavita (23 December 2014). "Govt points to Ordinance route for crucial bills". Business Standard. Retrieved 17 November 2015.
  2. List of ordinances 1950–2014

बाहरी कड़ियाँ

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