अनाम

1992 की हिन्दी भाषा फ़िल्म

अनाम 1992 की रमेश मोदी द्वारा निर्देशित हिन्दी भाषा की थ्रिलर फ़िल्म है। इसमें अरमान कोहली और आयशा जुल्का मुख्य भूमिकाओं में हैं।[1] यह फिल्म वेद प्रकाश शर्मा के उपन्यास विधवा का पति पर आधारित है।[2]

अनाम

अनाम का पोस्टर
निर्देशक रमेश मोदी
पटकथा रमेश मोदी
कहानी वेद प्रकाश शर्मा
निर्माता विनोद एस॰ चौधरी
अभिनेता अरमान कोहली,
आयशा जुल्का,
किरण कुमार
संगीतकार नदीम श्रवण
प्रदर्शन तिथियाँ
3 नवम्बर, 1992
देश भारत
भाषा हिन्दी

संक्षेप संपादित करें

बॉम्बे के पुलिस इंस्पेक्टर अंग्रे (सदाशिव अमरापुरकर) को एक फिएट कार की चोरी की जाँच करने का कार्य सौंपा गया है। कथित अपराधी (अरमान कोहली) को अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जो स्मृति हानि का दावा कर रहा है और अपनी नर्स का गला घोंटने का प्रयास कर चुका है। फिर एक अमीर उद्योगपति यह बताता है कि यह जवान आदमी उसका बेटा सिकंदर है और उसे उसके साथ घर ले जाता है। वह हर समय उसके साथ रहने के लिए एक साथी, रूपेश की व्यवस्था करता है। अंग्रे इस मामले को संज्ञान में लिये हुए है लेकिन जब उसे इंस्पेक्टर के.के दीवान और पी.सी. यादव द्वारा अधिसूचित किया जाता है तो वह अधिक परेशान होता है। वह बताते है कि सिकंदर वास्तव में पूना स्थित शातिर चोर जॉनी के. डिसूजा है, जिसने अपनी पत्नी, जेनिस, साथ ही अपने साथी, रूपेश को मार दिया हो सकता है और बॉम्बे वापस जा रहा है। बाद में अंग्रे को एक और रहस्य का सामना करना पड़ा जब अपराधी फिर से बाहर आता है- इस बार आकाश की पहचान के साथ, एक युवा महिला मेघना (आयशा जुल्का) का मंगेतर। जबकि अंग्रे अपराधी की वास्तविक पहचान को जानने के लिए दृढ़ हैं, मेघना निश्चित है कि वह एक ढोंगी है क्योंकि उसे यकीन है कि आकाश मारा गया था। सवाल बना हुआ है: यह अपराधी कौन है और उसकी वास्तविक पहचान वास्तव में क्या है?

मुख्य कलाकार संपादित करें

संगीत संपादित करें

सभी गीत समीर द्वारा लिखित; सारा संगीत नदीम-श्रवण द्वारा रचित।

क्र॰शीर्षकगायकअवधि
1."चूड़ी बोले पायल बोले"कुमार सानु, अलका याज्ञनिक6:29
2."आए बाराती मेहमान"कुमार सानु6:27
3."बहना के हाथों में"कुमार सानु1:20
4."ओ जाने जाना" (I)अभिजीत4:08
5."ओ जाने जाना" (II)सारिका कपूर, अभिजीत3:10
6."ओ जाने जाना" (पुरुष)अभिजीत3:32
7."ओ जाने जाना" (धीमा)अभिजीत1:20
8."मैं कौन हूँ"कुमार सानु7:31
9."हमनशीं दिलरुबा"कुमार सानु, साधना सरगम5:14
10."मैं हूँ एक शाम"कविता कृष्णमूर्ति5:20

सन्दर्भ संपादित करें

  1. "इस फ्लॉप एक्टर ने रातोंरात शाहरुख को बनाया था सुपरस्टार". आज तक. 26 जून 2017. मूल से 1 अक्तूबर 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 17 जुलाई 2018.
  2. "नहीं रहे 'वर्दी वाला गुंडा' के राइटर वेद प्रकाश शर्मा, फेफड़े में इंफेक्शन से मौत". जनसत्ता. मूल से 12 मार्च 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 17 जुलाई 2018.

बाहरी कड़ियाँ संपादित करें

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