अनामिका एक भारतीय हिन्दी धारावाहिक है। यह धारावाहिक सोनी पर 26 नवम्बर 2012 से 13 सितम्बर 2013 तक चला। इसके मुख्य किरदार में मुदित नायर और सिमरन कौर हैं।[1]

कहानी संपादित करें

यह कहानी तब शुरू होती है जब जीत सलूजा (मुदित नायर) एक दिन अचानक एक अनजान महिला (सिमरन कौर) से मिलता है। वह अपना नाम अनामिका बताती है। अनामिका जीत से प्यार करने लगती है, लेकिन जीत रानों से प्यार करता है। रानों जीत को अनामिका से बचाना चाहती है और बाद में जीत और रानों की शादी हो जाती है। लेकिन अनामिका एक आत्मा के रूप में जीत के घर आती है। अनामिका के अस्तित्व को पूरी तरह से मिटाने के लिए रानों भी मर जाती है। लेकिन उसकी आत्मा वहीं रहती है। जिसे केवल एक छवि गुप्ता ही देख सकती है।

रानों के मौत के बाद जीत मुक्केबाजी छोड़ कर अपने पिता के व्यवसाय में काम करने लगता है, जहाँ छवि गुप्ता उसकी सहायक के पद पर काम करती है। अनामिका जीत के पास एक नए रूप में अनामिका मल्होत्रा बनकर आ जाती है। छवि और जीत एक दूसरे के करीब आते जाते हैं लेकिन उस समय अनामिका भी उसके करीब आते जाती है। छवि को रानों की आत्मा कहती है कि वह जीत से शादी कर ले। जीत के परिवार वाले जीत और छवि की शादी करा देते हैं। इस शादी से अनामिका क्रोधित हो जाती है और जीत और छवि के घर पर तरह तरह से परेशान करने की कोशिश करती है।

अनामिका छवि को अपने जाल में फंसा लेती है। जीत को लगता है कि छवि ही उसके ऊपर काला जादू कर रही है। लेकिन छवि यह सिद्ध कर देती है कि यह काला जादू वह नहीं बल्कि अनामिका कर रही है और अनामिका का सच जीत और उसके परिवार के सामने आ जाता है। लेकिन अनामिका जीत की माँ को अपने घर पर रखती है और उसे छुड़ाने के लिए जीत को घर बुलाती है। वह उसकी माँ को उसके आत्मा के जगह पर देती है। अनामिका जीत की रूह को अपने काली दुनिया में ले जाती है।

जीत का परिवार अपने कुत्ते के सहायता के जीत के शरीर को खोज लेता है। छवि जीत की आत्मा को उसके शरीर में वापस लाने के लिए वह भी अनामिका के काली दुनिया में चले जाती है। अनामिका जीत और अपने बच्चे को जन्म देने के लिए जीत को भी अपने तरह बनाने की कोशिश करती है। लेकिन छवि भी वहाँ पहुँच जाती है और बाद में अनामिका की सारी शक्ति चले जाती है और उसका अंत हो जाता है। जीत और छवि दोनों की आत्मा अपने शरीर में प्रवेश करती है। इसके कुछ महीनों के बाद पता चलता है कि छवि जीत के बच्चे की माँ बनने वाली है। तभी उनके घर पर कोई दस्तक देता है। वहाँ एक छोटी बच्ची मिलती है। उनका परिवार उसे तब तक के लिए रख लेता है जब तक उसे उसका परिवार न मिल जाये। बाद में पता चलता है कि वह अनामिका और जीत की बेटी है जो अनामिका के समाप्त होने से पहले ही आ गई थी।

कलाकार संपादित करें

  • मुदित नायर - जीत सलूजा
  • सिमरन कौर - अनामिका
  • अन्नी गिलल - रानों
  • शिवानी सुरवे - छवि जीत सलूजा
  • मधु मालती - बेबे / हरमीत सलूजा
  • दीपक दत्त - प्रताप सलूजा
  • सोनिका गिल - पुष्पा प्रताप सलूजा
  • नम्रता धामिजा - गुड्डी वालिया
  • सोनिया कौर - जसलीन बलराज सलूजा
  • मनमोहन तिवारी - अभय
  • सविता बजाज - पातलिका
  • पुष्कर गोग्गिया - आनंद कुमार

सन्दर्भ संपादित करें

  1. "संग्रहीत प्रति". मूल से 15 अक्तूबर 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 3 जुलाई 2015.

बाहरी कड़ियाँ संपादित करें