अनुच्छेद 157 (भारत का संविधान)
अनुच्छेद 157 भारत के संविधान का एक अनुच्छेद है। यह संविधान के भाग 6 में शामिल है और देश के किसी राज्य में राज्यपाल की नियुक्त हेतु आवश्यक अर्हताओं का वर्णन करता है।
अनुच्छेद 157 (भारत का संविधान) | |
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मूल पुस्तक | भारत का संविधान |
लेखक | भारतीय संविधान सभा |
देश | भारत |
भाग | भाग 6 |
विषय | राज्य |
प्रकाशन तिथि | 1949 |
पूर्ववर्ती | अनुच्छेद 156 (भारत का संविधान) |
उत्तरवर्ती | अनुच्छेद 158 (भारत का संविधान) |
जैसा कि भारतीय संविधान में वर्णित है कि भारत एक संघीय व्यवस्था वाला देश है जिस कारण यहाँ केंद्र सरकार की तरह ही राज्य सरकार की भी व्यवस्था की गई है और राज्य सरकार को अपनी कार्यपालिका भी दी गई है, जिसके मुख्यतः चार अंश है- राज्यपाल, मुख्यमंत्री, मंत्रिपरिषद और राज्य के महाधिवक्ता। भारत के संविधान का अनुच्छेद 153 प्रत्येक राज्य के लिए एक राज्यपाल की व्यवस्था सुनिश्चित करता है और अनुच्छेद 157 राज्यपाल की नियुक्ति के लिए आवश्यक अर्हताओं के बारे में बताता है, जिसके तहत उम्मीदवार का भारतीय नागरिक होना आवश्यक है और वह 35 वर्ष की आयु पूर्ण कर चुका हो। इसके अलावा कुछ महत्वपूर्ण परंपराओं का भी वर्णन किया गया है, जैसे उम्मीदवार उस राज्य से संबंधित नहीं होना चाहिए जहाँ उसे नियुक्त किया गया हो ताकि वह स्थानीय राजनीति से मुक्त रह सके और जब राज्यपाल की नियुक्ति की जाए तब राष्ट्रपति के लिए यह आवश्यक होता है कि वह राज्य के मुख्यमंत्री से परामर्श करें ताकि राज्य में संवैधानिक व्यवस्था सुनिश्चित हो सके।[1][2][3][4][5][6][7][8][9]
पृष्ठभूमि
संपादित करेंसंविधान सभा में मसौदा अनुच्छेद 157 पर 31 मई 1949 को चर्चा प्रारंभ हुई। मसौदा समिति के अध्यक्ष ने मसौदा अनुच्छेद के अंतर्गत राज्यपाल की नियुक्ति के लिए दो शर्तों, पहला उम्मीदवार के लिए भारत की नागरिकता और दूसरा कम से कम 35 वर्ष की आयु रखने की माँग की। यह संशोधन बिना किसी बहस के स्वीकार कर लिया गया और 31 मई 1949 को ही उक्त मसौदा अनुच्छेद को अपना लिया गया।[7]
मूल पाठ
संपादित करें“ |
कोई व्यक्ति राज्यपाल नियुक्त होने का पात्र न होगा जब तक कि वह भारत का नागरिक न हो तथा पैंतीस वर्ष की आयु पूरी न कर चुका हो।[10] |
” |
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No person shall be eligible for appointment as Governor unless he is a citizen of India and has completed the age of thirty-five years.[11] |
” |
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "कार्यपालिका" (PDF). एन.सी.ई.आर.टी. अभिगमन तिथि 20 अप्रैल 2024.
- ↑ "'भारत का संविधान' के अन्तर्गत राज्यपाल की शक्तियां एवं कार्य". upgovernor.gov.in. अभिगमन तिथि 20 अप्रैल 2024.
- ↑ "Article 157 of Indian Constitution |ForumIAS" [भारतीय संविधान का अनुच्छेद 157]. अभिगमन तिथि 20 अप्रैल 2024.
- ↑ "Article 157 of the Indian Constitution: Qualifications for Appointment as Governor" [भारतीय संविधान का अनुच्छेद 157: राज्यपाल के रूप में नियुक्ति के लिए योग्यताएं]. संविधान सरलीकृत. अभिगमन तिथि 20 अप्रैल 2024.
- ↑ "संवैधानिक भूमिका". governoruk.gov.in. अभिगमन तिथि 20 अप्रैल 2024.
- ↑ "राज्यपाल की भूमिका के बारे में महत्वपूर्ण विचार". rajbhavancg.gov.in. अभिगमन तिथि 20 अप्रैल 2024.[मृत कड़ियाँ]
- ↑ अ आ "Article 157: Qualifications for appointment as Governor" [अनुच्छेद 157: राज्यपाल के रूप में नियुक्ति के लिए योग्यताएं]. भारत का संविधान. अभिगमन तिथि 20 अप्रैल 2024.
- ↑ "Article 157 Of The Indian Constitution // Examarly" [भारतीय संविधान का अनुच्छेद 157]. blog.examarly.com. 20 दिसम्बर 2022. अभिगमन तिथि 20 अप्रैल 2024.
- ↑ "राज्यपाल से जुड़े महत्वपूर्ण अनुच्छेद, पढ़ें". Jagranjosh.com. 20 फरवरी 2024. मूल से 20 अप्रैल 2024 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 20 अप्रैल 2024.
- ↑ (संपा॰) प्रसाद, राजेन्द्र (1957). भारत का संविधान. पृ॰ 58 – वाया विकिस्रोत. [स्कैन ]
- ↑ (संपा॰) प्रसाद, राजेन्द्र (1957). भारत का संविधान. पृ॰ 58 – वाया विकिस्रोत. [स्कैन ]
टिप्पणी
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