अनुच्छेद 346 भारत के संविधान का एक अनुच्छेद है। यह संविधान के भाग 17 में शामिल है और एक राज्य और दूसरे राज्य के बीच या किसी राज्य और संघ के बीच पत्रादि की राजभाषा का वर्णन करता है।भारतीय संविधान के अनुच्छेद 346 में एक राज्य और दूसरे राज्य के बीच या एक राज्य और संघ के बीच संचार के लिए आधिकारिक भाषा से जुड़े प्रावधान हैं. इस अनुच्छेद के मुताबिक, ऐसे संचार के लिए इस्तेमाल की जाने वाली भाषा राष्ट्रपति तय करेंगे. राष्ट्रपति का फ़ैसला आने तक, अंग्रेज़ी भाषा का इस्तेमाल किया जाएगा.[1][2] अगर दो या दो से ज़्यादा राज्य सहमत हों, तो वे हिंदी भाषा का इस्तेमाल भी कर सकते हैं. हालांकि, अगर राज्य का विधानमंडल, कानून के ज़रिए, कोई और प्रावधान न करे, तो राज्य के भीतर उन शासकीय कामों के लिए अंग्रेज़ी भाषा का इस्तेमाल होता रहेगा, जिनके लिए उसका इस्तेमाल संविधान लागू होने से ठीक पहले किया जा रहा था.[3]
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संघ में शासकीय प्रयोजनों के लिए प्रयोग किए जाने के लिए तत्समय प्राधिकृत भाषा, एक राज्य और दूसरे राज्य के बीच तथा किसी राज्य और संघ के बीच पत्रादि की राजभाषा होगी: परन्तु यदि दो या अधिक राज्य यह करार करते हैं कि उन राज्यों के बीच पत्रादि की राजभाषा हिन्दी भाषा होगी तो ऐसे पत्रादि के लिए उस भाषा का प्रयोग किया जा सकेगा।
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The language for the time being authorised for use in the Union for official purposes shall be the official language for communication between one State and another State and between a State and the Union:
Provided that if two or more States agree that the Hindi language should be the official language for communication between such States, that language may be used for such communication.[5]
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