अनुयोगद्वार सूत्र ईसा से १०० वर्ष पूर्व रचित जैन ग्रन्थ है।

इस ग्रन्थ में बड़ी-बड़ी संख्याएं आयी हैं जैसे, 1096। इसके अलावा अनेक गणितीय संक्रियाओं के बारे में बताया गया है, जैसे घातों के गुण।

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