अनुस्वार एक उच्चारण की मात्रा है जो अधिकांश भारतीय लिपियों में प्रयुक्त होती है। इससे अक्सर ं जैसी ध्वनि नाक के द्वारा निकाली जाती है, अतः इसे नसिक या अनुनासिक कहते हैं। इसको कभी-कभी म (और अन्य) अक्षरों द्वारा भी लिखते हैं। जैसे: कंबल ~ कम्बल; इंफाल ~ इम्फाल इत्यादि। देवनागरी में इसे, उदाहरण-स्वरूप, क पर लगाने से कं लिखा जाता है।
दक्षिण भारत की सभी लिपियों (तमिल को छोड़कर) इसको एक शून्य जैसे अक्षर से लिखा जाता है - o। यही अक्षर सिंहला भाषा में भी प्रयुक्त होता है। बाँग्ला और असमी में इसे ং लिखा जाता है जो वैदिक साहित्य में भी प्रयुक्त होता है। वेदों में इसके अलावे भी कुछ चिह्न अनुनासिक ध्वनियों के लिए प्रयोग किये जाते हैं।