अनूपसिंह
अनूप सिंह (1638–1698) वर्ष 1669 से 1698 तक बीकानेर रियासत के शासक थे। अपने पिता की तरह वो भी मुग़ल सम्राठ औरंगज़ेब के जागीरदार रहे और दक्कन क्षेत्र में विभिन्न मुग़ल अभियानों में शामिल हुए। उन्होंने गोलकोण्डा सल्तनत को हराने के समय मुग़ल सेना का नेतृत्व कर रहे थे जिससे उन्हें महाराजा की उपाधि मिली।
अनूपसिंह | |
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महाराजा | |
बीकानेर रियासत के शासक | |
शासनावधि | ल॰ 1669-1698 |
पूर्ववर्ती | करण सिंह |
उत्तरवर्ती | सरुप सिंह |
जन्म | 1638 |
निधन | 1698 आदोनी |
संतान | सरुप सिंह, सुजान सिंह |
पिता | करण सिंह |
पूर्व जीवन
संपादित करेंअनूप सिंह अपने पूर्ववर्त्ती मुग़ल जागीरदार करण सिंह के पुत्र थे। करण सिंह के कार्यकाल के दौरान ही जुलाई 1667 को औरंगज़ेब ने करण सिंह के निधन के बाद अनूप सिंह को रियासत देने का निर्णय कर दिया था। वर्ष 1669 में दक्कन क्षेत्र में मुग़ल अभियान में औरंगाबाद में करण सिंह का निधन हो गया और अनूप सिंह बीकानेर के सिंहासन पर उनके उत्तराधिकारी बने।[1]
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ रिमा हूजा (2006). A History of Rajasthan [राजस्थान का इतिहास] (अंग्रेज़ी में). रूपा. पपृ॰ 606–607. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9788129108906.