अन्तर्राष्ट्रीय दिव्यांग दिवस

अन्तर्राष्ट्रीय दिव्यांग दिवस

अन्तर्राष्ट्रीय दिव्यांग दिवस अथवा अन्तर्राष्ट्रीय विकलांग दिवस प्रतिवर्ष 3 दिसंबर[1] को मनाया जाता है। वर्ष 1976 में संयुक्त राष्ट्र आम सभा के द्वारा “विकलांगजनों के अंतरराष्ट्रीय वर्ष” के रूप में वर्ष 1981 को घोषित किया गया था। भारत में स्पेशल दिव्यांगों को स्वा्वाबलंबन बनाने के लिए अंतरराष्ट्रीय दिव्यांग दिवस 2020 3 दिसंबर के उपरांत tea24 Disability Foundation डिसेबिलिटी फाउंडेशन ने 10 दिव्यांगों को स्वाबलंबन परमानेंट जॉब देकर किया आज फाउंडेशन भारी मात्रा मेंं दिव्यांगों स्वाबलंबन बनाने पर कार्य कर रहाा है tea24 Disability Foundation डिसेबिलिटी फाउंडेेेशन की डायरेक्टर मंजूू कुमारी बिहार पटना से जो स्वयं दोनों पैरों से दिव्यांयांग है

विषयवस्तु संपादित करें

वार्षिक आधार पर निम्न विषयवस्तु पर यह दिवस मनाए गए:

  • वर्ष 1998 की विषयवस्तु थी “कला, संस्कृति और स्वतंत्र रहन-सहन”।
  • वर्ष 1999 की विषयवस्तु थी “नयी शताब्दी के लिये सभी की पहुंच”।
  • वर्ष 2000 की विषयवस्तु थी “सभी के लिये सूचना क्रांति कार्य निर्माण”।
  • वर्ष 2001 की विषयवस्तु थी “पूर्ण सहभागिता और समानता: प्रगति आँकना और प्रतिफल निकालने के लिये नये पहुंच मार्ग के लिये आह्वान”।
  • वर्ष 2002 की विषयवस्तु थी “स्वतंत्र रहन-सहन और दीर्घकालिक आजीविका”।
  • वर्ष 2003 की विषयवस्तु थी “हमारी खुद की एक आवाज”।
  • वर्ष 2004 की विषयवस्तु थी “हमारे बारे में कुछ नहीं, बिना हमारे”।
  • वर्ष 2005 की विषयवस्तु थी “विकलांगजनों का अधिकार: विकास में क्रिया”।
  • वर्ष 2006 की विषयवस्तु थी “ई- एक्सेसिबिलीटी”।
  • वर्ष 2007 की विषयवस्तु थी “विकलांगजनों के लिये सम्माननीय कार्य”।
  • वर्ष 2008 की विषयवस्तु थी “विकलांग व्यक्तियों के अधिकारों पर सम्मेलन: हम सभी के लिये गरिमा और न्याय”।
  • वर्ष 2009 की विषयवस्तु थी “एमडीजी का संयुक्त निर्माण: पूरी दुनिया में विकलांग व्यक्तियों और उनके समुदायों का सशक्तिकरण”।
  • वर्ष 2010 की विषयवस्तु थी “वादे को बनाये रखना: 2015 और उसके बाद की ओर शताब्दी विकास लक्ष्य में मुख्यधारा विकालांगता”।
  • वर्ष 2011 की विषयवस्तु थी “सभी के लिये एक बेहतर विश्व के लिये एक साथ: विकास में विकलांग व्यक्तियों को शामिल करते हुए”।
  • वर्ष 2012 की विषयवस्तु थी “सभी के लिये एक समावेशी और सुगम्य समाज उत्पन्न करने के लिये बाधाओं को हटाना”।
  • वर्ष 2013 की विषयवस्तु थी “बाधाओं को तोड़ें, दरवाज़ों को खोलें: सभी के लिये एक समावेशी समाज और विकास”।
  • वर्ष 2014 की विषयवस्तु थी “सतत् विकास: तकनीक का वायदा”।
  • वर्ष 2015 की विषयवस्तु थी “समावेश मायने रखता है: सभी क्षमता के लोगों के लिये पहुंच और सशक्तिकरण”।

सन्दर्भ संपादित करें

https://web.archive.org/web/20171204223021/http://hinditravelblog.com/disabled-day-special-story/

  1. "[[संयुक्त राष्ट्र]] की आधिकारिक वेबसाइट". मूल से 31 मार्च 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 10 अप्रैल 2017.