अफ़्गानिस्तान का राष्ट्रगान

अफगानिस्तान का राष्ट्रगान

अफ़्गानिस्तान का राष्ट्रगान' पश्तो: ملی سرود - मिल्लि सुरूद; फ़ारसी: سرود ملی - "'सुरूद-ए मिल्ली") आधिकारिक रूप से मई १८१७ में पनाया गया था। अफ़्गानिस्तान के संविधान की धारा २० के अनुसार, "अफ़्गानिस्तान का राष्ट्रगान पश्तो में होगा" और जिसमें "ईश्वर महानतम है" और अफ़्गानिस्तान के नस्लीय समूहों का उल्लेख होगा। गीतिकाव्य अब्दुल बरी जहानी द्वारा लिखित और संगीतकार हैं जर्मन-अफ़्गान मूल के बाबरक वसा।

पश्तो: ملی سرودदरी: سرود ملی
हिन्दी: अफ़्गानिस्तान का राष्ट्रगान
पश्तो: मिल्लि सुरूद; दारी: सुरूद-ए मिल्ली
राष्ट्रीय जिसका राष्ट्रगान है  अफ़्गानिस्तान
बोल अब्दुल बरी जहानी
संगीत बाबरक वसा
घोषित १८१७

गीतिकाव्य - पश्तो में संपादित करें

अफ़्गानिस्तान का राष्ट्रगान
पश्तो पश्तो लिप्यन्तरण अनुवाद
पहला छन्द

دا وطن افغانستان دى
دا عزت د هر افغان دى
كور د سولې، كور د تورې
هر بچى يې قهرمان دى

दा वतन अफ़्ग़ानिस्तान द​ई
दा इज़त द हर अफ़्ग़ान द​ई
कोर द सोले कोर द तूरे,
हर बच​ई ये क़हरमान द​ई

यह अफ़्गानिस्तान भूमि,
यह प्रत्येक अफ़्गान का गौरव है
शान्ति की भूमि, तलवार की भूमि,
इसका प्रत्येक पुत्र बहादुर है

दूसरा छन्द

دا وطن د ټولو كور دى
د بلوچو، د ازبكو
د پــښــتون او هزارهوو
د تركمنو، د تاجكو

दा वतन द टोलो कोर द​ई,
द बलोचो, द उज़बेको
द पख़्तूनो, ओ हज़ारावो,
द तुर्कमनो, द ताजेको

यह प्रत्येक जनजाति का देश है,
बलोचों की भूमि और उज़्बेकों की
पश्तूनों और हाज़राओं की,
तुर्कमनों और ताजिकों की

तीसरा छन्द

ور سره عرب، ګوجر دي
پاميريان، نورستانيان
براهوي دي، قزلباش دي
هم ايماق، هم پشايان

हम अरब, ओ गुजर अस्त,
पामीरयान, नूरिस्तानयान,
ब्राहूई दी, क़िज़िलबाश दी,
हम अइमाक़, हम पाशायान

उनके साथ, अरबों, गुर्जर
पामिरियों, नूरिस्तानीयों
ब्राहुइयों की और किज़िलबाशों की,
एमाक्यों और पाशाइयों की भी

चौथा छन्द

دا هيواد به تل ځلېږي
لكه لمر پر شنه آسمان
په سينې كې د آسيا به
لكه زړه وي جاويدان

दा हीवाद बा तल द्ज़ले-झ़ी/-गी,
लका ल्मर पर श्न आसमान,
प सीने के द आस्या बा,
लका ज़ड़ा वी जावीदान

यह भूमि सदैव चमकती रहेगी,
जैसे नीले अम्बर में सूरज
ऐशिया की छाती पर,
यह सदा के लिए हृदय समान रहेगी

पाँचवा छन्द

نوم د حق مو دى رهبر
وايو الله اكبر
وايو الله اكبر
وايو الله اكبر

नूम द हक़ मो द​ई रहबर,
वायू अल्लाहु अकबर,
वायू अल्लाहु अकबर,
वायू अल्लाहु अकबर

हम एक ईश्वर का पालन करेंगे
हम सब कहेंगे, "ईश्वर सबसे महान है!",
हम सब कहेंगे, "ईश्वर सबसे महान है!",
हम सब कहेंगे, "ईश्वर सबसे महान है!"

गीतिकाव्य - फ़ारसी (दरी) में संपादित करें

अफ़्गानिस्तान का राष्ट्रगान
फ़ारसी (दरी) फ़ारसी (दरी) लिप्यन्तरण अनुवाद
पहला छन्द

این کشور افغانستان است
این عزت هر افغان است
خانهٔ صلح، خانهٔ شمشیر
هر فرزندش قهرمان است

इन किश्वरे अफ़ग़ानिस्तान अस्त
इन इज़्ज़ते हर अफ़ग़ान अस्त
ख़ाने सुल्ह ख़ाने शम्शीर
हर फ़रज़ंदश क़हरमान अस्त

यह अफ़्गानिस्तान भूमि,
यह प्रत्येक अफ़्गान का गौरव है
शान्ति की भूमि, तलवार की भूमि,
इसका प्रत्येक पुत्र बहादुर है

दूसरा छन्द

این کشور خانهٔ همه است
از بلوچ، از ازبک
از پشتون و هزارها
از ترکمن و تاجک

इन किश्वर ख़ाने हमे अस्त,
अज़ बलूच, अज़ अज़्बेक,
अज़ पश्तून, व हज़ारहा,
अज़ तुर्कमेन, व ताजेक

यह प्रत्येक जनजाति का देश है,
बलोचों की भूमि और उज़्बेकों की
पठानों और हाज़राओं की,
तुर्कमनों और ताजिकों की

तीसरा छन्द
هم عرب و گوجر است
پامیری‌ها، نورستانی ها
براهوی است و قزلباش است

هم آیماق و پشه‌ای ها

हम अरब, ओ गुजर अस्त,
पामीरीहा, नूरिस्तानीहा,
ब्राहुई अस्त, व क़ेज़िलबाश अस्त,
हम आईमाक़, व पशाय हा

उनके साथ, अरबों की और गुर्जरों की,
पामिरियों, नूरिस्तानीयों
ब्राहुइयों की और किज़िलबाशों की,
एमाक्यों और पाशाइयों की भी

चौथा छन्द

این کشور همیشه تابان خواهد بود
مثل آفتاب در آسمان کبود
در سینهٔ آسیا
لهم مثل قلب جاویدان

इन किश्वर हमीशा ताबान ख़्वाहिद बूद,
मिसले आफ़ताब देर आसमान कबूद ,
देर सीन्हे आस्य,
लहम मिसले क़ल्ब जावीदान

यह भूमि सदैव चमकती रहेगी,
जैसे नीले अम्बर में सूरज
ऐशिया की छाती पर,
यह सदा के लिए हृदय समान रहेगी

पाँचवा छन्द

نام حق است ما را رهبر
میگویم الله اکبر
میگویم الله اکبر
میگویم الله اکبر

नाम हक़ अस्त मा रा रहबर,
मैगूएम अल्लाहु अकबर,
मैगूएम अल्लाहु अकबर,
मैगूएम अल्लाहु अकबर

हम एक ईश्वर का पालन करेंगे
हम सब कहेंगे, "ईश्वर सबसे महान है!",
हम सब कहेंगे, "ईश्वर सबसे महान है!",
हम सब कहेंगे, "ईश्वर सबसे महान है!"