अफ्रीकी संस्कृति विश्व की सबसे प्राचीन और सबसे अधिक विविधता वाली संस्कृति है। इसको दो प्रमुख भागों में बाँटा जा सकता है। उत्तरी अफ़्रीका (हार्न ऑफ अफ्रीका सहित), जो इस्लामी दुनिया का भाग है और उप-सहारीय अफ़्रीका, जो अनेक प्राचीन और कबीलाई संस्कृतियों में बँटा हुआ है। पश्चिमी अफ़्रीका, पूर्वी अफ़्रीका, केंद्रीय अफ़्रीका और साथ ही दक्षिणी अफ़्रीका के भागों को घेरने वाले, उप-सहारा अफ़्रीका के चारों ओर बंटू लोगों और उनकी संस्कृति का विस्तृत फैलाव पहली सहत्राब्दी ईसा पूर्व में प्रारंभ हुआ। मातृभाषा के रूप में स्वाहिली का विस्तृत प्रयोग इन बंटू लोगों द्वारा लगभग "पूरे अफ़्रीका की" संस्कृति को प्रभावित करता है। अफ़्रीका के भोजन और पेय में अपनी स्थानीय पहचान के साथ साथ उपनिवेशीय खाद्य परंपराओं की झलक देखी जा सकती है। कालीमिर्च, मूँगफली और मक्के जैसे खाद्य उत्पादों का प्रयोग यहाँ खूब किया जाता है। अफ़्रीकी भोजन पारंपरिक फलों और तरकारियों, दूध और माँस उत्पादों का सुंदर संयोजन है। अफ़्रीकी गाँवों का आहार प्राय: दूध, दही और छाछ है। शिकार और मछलियाँ भी यहाँ के लोकप्रिय भोजन में शामिल हैं।

अफ़्रीकी कला और वास्तुकला अफ़्रीकी संस्कृतियों की विविधता प्रतिबिंबित करते हैं। इसके सबसे पुराने उदाहरण, नासारियस सीपियों से बने ८२,०००-वर्ष-पुरानी मनके (माला के दाने) हैं जो आज भी देखे जा सकते हैं। मिस्र में गीज़ा का महान पिरामिड ४,000 वर्षों तक, वर्ष १३०० के आसपास लिंकन चर्च के पूरा होने तक, विश्व का सबसे ऊँचा मानव निर्मित ढाँचा था। बड़े ज़िम्बाब्वे के पत्थरों के खंडहर अपनी वास्तुकला के लिए और लालीबेला, इथोपिया के एकल-शिला-निर्मित चर्च, जिनका प्रतिनिधित्व सेंट जॉर्ज चर्च करता है, अपनी जटिलता के लिए आज भी सबका ध्यान आकर्षित करते हैं। मिस्र लंबे अरसे तक अरब दुनिया के लिए संस्कृति का केन्द्र बिंदु रहा है, जबकि उप-सहारा अफ़्रीका, विशेषकर पश्चिम अफ़्रीका, अपने संगीत की दमदार ताल के कारण, अंध महासागर (एटलांटिक) से होने वाले गुलामों के व्यापार के माध्यम से आधुनिक साम्बा, ब्ल्यूज़, जॉज़, रेगे, रैप और रॉक एंड रोल तक पहुँच गई। १९५० के दशक से १९७० के दशक ने एफ़्रोबीट और हाईलाइफ़ संगीत के लोकप्रिय होने के साथ इन विभिन्न शैलियों को अनेक रूप धरते देखा। इस महाद्वीप के आधुनिक संगीत में दक्षिणी अफ़्रीका के अति कठिन समझे जानेवाले समूह-गान, कॉन्गो लोकतांत्रिक गणराज्य का संगीत और सौकौस संगीत शैली के नृत्य ताल सम्मिलित हैं। अफ़्रीका की देसी संगीत और नृत्य परंपराएँ वाचिक-परंपराओं द्वारा विकसित हुई हैं। ये उत्तरी अफ़्रीका और दक्षिणी अफ़्रीका की संगीत और नृत्य शैलियों से भिन्न हैं। उत्तरी अफ़्रीकी संगीत और नृत्य में अरबी प्रभाव दिखाई पड़ते हैं और, दक्षिणी अफ़्रीका में, उपनिवेशीकरण के कारण पश्चिमी प्रभाव स्पष्ट हैं।

खेल अफ़्रीकी संस्कृति का प्रमुख अंग है। फ़ुटबॉल परिसंघ (कनफ़ेडरेशन) में ५३ अफ़्रीकी देशों की फ़ुटबॉल (सॉकर) टीमें हैं, जब कि केमेरून, नाइजीरिया, सेनेगल और घाना हालिया फ़ीफ़ा (FIFA) विश्व कपों में नॉक-आउट स्थिति तक आगे बढ़ चुके हैं। दक्षिण अफ़्रीका २०१० विश्व कप प्रतियोगिता की मेजबानी करनेवाला है और ऐसा करने वाला पहला अफ़्रीकी देश होगा। कुछ अफ़्रीकी देशों में क्रिकेट लोकप्रिय है। दक्षिण अफ़्रीका और ज़िम्बाबवे टेस्ट मैच खेलने की अवस्था पा चुके हैं, जबकि केन्या एक-दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय क्रिकेट में अग्रणी गैर-टेस्ट टीम है और स्थायी एक-दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय स्तर को प्राप्त कर चुकी है। इन तीन देशों ने संयुक्त रूप से २००३ क्रिकेट विश्व कप की मेजबानी की थी। नामीबिया एक और अफ़्रीकी देश है जिसने किसी विश्व कप में खेला है। उत्तरी अफ़्रीका में मोरक्को “२००२ मोरक्को कप” का आयोजक रह चुका है, परंतु इसकी राष्ट्रीय टीम कभी किसी प्रमुख प्रतियोगिता के लिए नहीं चनी गई है।