अफ्लोरीकरण, जल में मौजूद जरूरत से ज्यादा फ्लोरीन को हटाने की क्रिया को अफ्लोरीकरण कहते हैं।विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार प्रतिलीटर जल में आधा से एक मिलीग्राम फ्लोरीन होनी चाहिए। अगर जल में इससे कम फ्लोरीन है तो पीने के जल में फ्लोरीन मिलाई जाती है।