अब्दुल कदीर खान
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डॉ॰ अब्दुल कदीर खान, (जन्मः 1 अप्रैल 1936 भोपाल, ब्रिटिश भारत) एक पाकिस्तानी परमाणु वैज्ञानिक और धातुकर्म इंजीनियर, जिन्हें पाकिस्तान के परमाणु कार्यक्रम के संस्थापक माना जाता है। इन्हें पाकिस्तान में प्यार से मोहसिन-ए-पाकिस्तान कहा जाता है।
डॉ॰ अब्दुल कदीर खान (अब्दुल क़दीर ख़ान) HI, NI (दोबार) | |
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जन्म |
1 अप्रैल 1936 भोपाल, ब्रिटिश भारत |
मृत्यु |
10 अक्टूबर 2021 इस्लामाबाद |
आवास | इस्लामाबाद, पाकिस्तान |
राष्ट्रीयता | पाकिस्तान |
क्षेत्र | धातुकर्म अभियान्त्रिकी |
संस्थान |
उरेन्को समूह खान शोध प्रयोगशाला (KRL) |
शिक्षा |
कराची विश्वविद्यालय केथोलिक यूनिवसिर्टी ऑफ़ लूवेन डेल्फ्ट यूनिवर्सिटी ऑफ़ टेक्नालॉजी |
डॉक्टरी सलाहकार | डॉ॰ मार्टिन ब्राबेर्स |
उल्लेखनीय शिष्य |
फ्रेडरिच टिनर अनवर अली (वैज्ञानिक) सुल्तान बशीरुद्दीन मोहम्मद |
प्रसिद्धि | पाकिस्तानी परमाणु कार्यक्रम |
उल्लेखनीय सम्मान |
हिलाल-ए-इम्तियाज़ (14-8-1989) निशान-ए-इम्तियाज़ (14-8-1996 और 23-3-1999) |
जनवरी 2004 में खान ने पाकिस्तान के परमाणु हथियार प्रौद्योगिकी प्रसार के एक गुप्त अन्तरराष्ट्रीय नेटवर्क में लीबिया, ईरान और उत्तर कोरिया को शामिल करने की बात स्वीकार की थी। इस बात के सबूत होने के बावजूद कि परमाणु हथियार विकसित करने की दिशा में हैं कि खान और उनके नेटवर्क ने खतरनाक कुचक्र रचा था, पाकिस्तान राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ ने 5 फ़रवरी 2004 को कट्टरपन्थी गुटों के दबाव में क्षमादान देने की घोषणा की। तमाम आरोपों के बावजूद अब्दुल कदीर खान को पाकिस्तान में नायक के रूप में स्वीकार किया जाता है।
6 फरवरी 2009 को पाकिस्तान के इस्लामाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश सरदार मुहम्मद असलम ने डॉ॰ खान को एक स्वतन्त्र नागरिक घोषित करते हुए उन्हें पाकिस्तान में कहीं भी आने-जाने की स्वतन्त्रता प्रदान की।