अब्दुल रहमान ख़ाँ मारवाड़ जंक्शन (राजस्थान) निवासी भारत के उन स्वतन्त्रता सेनानियों में से एक हैं, जिन्होंने स्वतन्त्रता के साथ-साथ जन सेवा का भी व्रत लिया था। सन् 1944 में बगड़ी गाँव में एक विशाल जन सभा में मारवाड़ लोक परिषद् के नेता जयनारायण व्यास, मीठा लालजी काका भाग ले रहे थे। जैसे ही व्यास जी ने अपने भाषण में ब्रिटिश साम्राज्यवाद, राजशाही व सामन्तशाही जुल्मों की बातY कही कि रावले ठाकुर ने बन्दूक चलाकर मंच पर हमला बोल दिया। इस घटना में अब्दुल रहमान ख़ाँ के दिल में स्वतन्त्रता की तड़फ और बढ़ गयी। सन् 1946 में मारवाड़ जंक्शन कांग्रेस कमेटी की स्थापना व गठन किया गया। एक झोपड़ी में तिरंगा लगाकर कार्यालय बनाने वाले अध्यक्ष कोई और नहीं अब्दुल रहमान खाँ ही थे। इन्हें जेल की यात्रा भी करनी पड़ी।