अमरीका की स्थानिक भाषायों को तीन बड़े परिवारों में बाँटा गया है:

  • अमरीकी-आदिवासी
  • नादेने
  • एस्कीमो-आलेउता

इन तीनों का जन्म 18000 साल पहले बेरिंग जलसंयोजी से होकर आई तीन प्रवसन लहरों से हुआ, सबसे अधिक स्वीकार की गई विचारधारा के अनुसार।

इन तीन परिवारों को काफी अलग-अलग समूहों में बाँटा गया है:

अमरीकी

आदिवासी परिवार शायद धरती का सबसे विविध परिवार है, कहने का मतलब है कि यह सबसे अधिक भाषा समूहों में विभाजित किया गया है: इसमें लगभग 600 भाषाएँ हैं जो सौ से ज़्यादा समूहों में सम्मिलित हैं। इस विविधता के कारण दो तथ्यों में पाए जाते हैं: क्षेत्र का विशाल विस्तार, चूंकि इसमें सारा दक्षिण अमरीका, मध्य अमरीका व उत्तरी अमरीका का अच्छा-खासा हिस्सा भी है (उन इलाकों के अलावा जहाँ बाकि के दो भाषायी परिवार हैं) और महाद्वीप के इंसानी समुदायों का अलग-थलग पड़े रहना।

महाद्वीप के उत्तर में आलोंकी समूह है, जिसमें आरापाहो, चेरोकी व डकोटा जैसी भाषाएँ हैं। मध्य में उतोआज़्तेका है जिसमें कोमांचे व नाहुआत्ल हैं। आन्देस इलाके में महाद्वीप की सबसे ज़्यादा बोले जाने वाली भाषा है, केचुआ - जिसके लगभग एक करोड़ बोलने वाले हैं -, व आइमारा और मापुचे। गुआरानी व तुपी भूमध्य-तुकानी समूह की हैं। आमाज़ोन नदी के किनारों पर जे, पानो व कारिबे समूह भी हैं, जिनमें कम बोली जाने वाली भाषाएँ जैसे मादिजा (जे), मारुबो (पानो) व पानारे (कारिबे) हैं।

दूसरा परिवार

नादेने अलास्का व कैनेडा के पश्चिम में विस्तृत है। अलग-थलग पड़ी भाषायों के अलावा इसमें आतापास्का समूह भी है जिसमें नावाहो व आपाचे जैसी भाषाएँ हैं।

अंत में एस्कीमो-आलेउता परिवार

जो महाद्वीप के उत्तरी भाग में फैला है, अलास्का से लेकर ग्रीनलैंड तक। एस्कीमो समूह में इनुइत व युपिक जैसी भाषाएँ हैं।

अमरीका की विशाल भाषायी विविधता कोलंबस के 1492 में आने के बाद से कम हुई है, उपनिवेशवाद की वजह से। उदाहरण के लिए ब्रासील में पहले 1200 भाषाएँ बोली जाती थीं। व आज सिर्फ़ 170, जिनमें से अधिकतर तेज़ी से विलुप्त होने की प्रक्रिया में हैं।

गुआरानी ही एकमात्र अमरीकी-आदिवासी भाषा है जो एक अमरीकी देश में आधिकारिक है: पारागुआई में। बाकी भाषाएँ को या तो कोई भी आधिकारिक मान्यता नहीं है या फिर क्षेत्र के कुछ भागों में सह-आधिकारिक दर्जा प्राप्त है, जैसे कि अब केचुआ या फिर पेरु की आइमारा। अमरीका के सारे देशों में वे भाषाएँ आधिकारिक हैं जो महाद्वीप पर यूरोपीय लोगों द्वारा लाई गई थीं: स्पेनी, अंग्रेज़ी, फ्रांसीसी, पुर्तगाली व नीदरलैंडी।

यूरोपीय जन वहाँ से ऐसी चीज़ें भी ले गए जो यूरोप में नहीं पाई जाती थीं, व नतीजतन इन चीज़ों के नाम भी यूरोप में पहुँच गए। इस तरह से यूरोपीय भाषायों में बहुत से नए शब्द आ पाए हैं जैसे बटाटा (केचुआ), टमाटर या चॉकलेट (नाहुआत्ल), कुछ जानवरों के नाम जैसे पिरान्या (तुपी) व बाकि कुछ शब्द जैसे तूफान (ताइनो) या अनोराक (इनुइत) और भी काफी शब्दों की तरह।