अमृतसिद्धि (अर्थ : "अमरता की प्राप्ति") ११वीं शताब्दी में रचित योग से सम्बन्धित एक ग्रन्थ है जो संस्कृत और तिब्बती दोनों भाषाओं में है। इसकी रचना एक बौद्ध परिवेश में हुई थी। इस ग्रन्थ की सामग्री वह प्राचीनतम सामग्री है जो बाद में हठ योग के नाम से प्रचलित हुई। हालांकि इसमें इस शब्द (हठयोग) का उल्लेख नहीं है।[1]

अमृतसिद्धि की मध्ययुगीन प्रति का एक पन्ना। यह संस्कृत और तिब्बती में द्विभाषी रूप से लिखा गया है।

अमृतसिद्धि की एक कागजी पांडुलिपि में एक श्लोक में इसकी तारीख 2 मार्च 1160 बताया गया है। किन्तु यह पाण्डुलिपि सम्बहवतः बाद की है। अमृतसिद्धि दो भाषाओं, संस्कृत और तिब्बती में लिखी गयी है।[1] सभी सुरक्षित पांडुलिपियों पर आधारित एक महत्वपूर्ण संस्करण 2021 में भारतविद् जेम्स मैलिन्सन और पीटर-डेनियल स्जांटो द्वारा प्रकाशित किया गया था।

  1. Szántó, Péter-Dániel (15 September 2016). "A Brief Introduction to the Amrtasiddhi" (PDF). SOAS. अभिगमन तिथि 2 February 2019. सन्दर्भ त्रुटि: <ref> अमान्य टैग है; "Szanto 2016" नाम कई बार विभिन्न सामग्रियों में परिभाषित हो चुका है