अरूप कुमार दत्ता गुवाहाटी, असम के एक भारतीय लेखक और पत्रकार हैं। उन्होंने वयस्कों के लिए 18 पुस्तकें और युवाओं के लिए 17 साहसिक उपन्यास लिखे हैं। वर्ष 2014 में उन्हें युवा लोगों के लिए अंतर्राष्ट्रीय पुस्तक बोर्ड का भारतीय अध्याय, एसोसिएशन ऑफ राइटर्स एंड इलस्ट्रेटर्स फॉर चिल्ड्रन, नई दिल्ली द्वारा लाइफ टाइम अचीवमेंट सम्मान से सम्मानित किया गया।[1] उन्होंने कई अन्य पुरस्कार भी जीते हैं, जिनमें वर्ष 1979 में शंकर पुरस्कार भी शामिल है, जो अंतर्राष्ट्रीय बाल वर्ष के अवसर पर प्रदान किया गया था।[2]उन्हें वर्ष 2018 में भारत सरकार द्वारा नागरिक पुरस्कार पद्म श्री से सम्मानित किया गया।[3]

अरूप कुमार दत्ता
जन्म 1946
जोरहाट, असम भारत
राष्ट्रीयता भारतीय
शिक्षा की जगह दिल्ली विश्वविद्यालय, लॉरेंस स्कूल सनावर
पेशा लेखक, पत्रकार
ਬਿਜਲੀ ਰਾਜਭਰ
पुरस्कार शंकर पुरस्कार, पत्रकार कल्याण फाउंडेशन

व्यक्तिगत जीवन

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अरूप कुमार दत्ता का जन्म 2 जुलाई 1946 को गिरीश और इंदिरा दत्ता के घर हुआ। उन्होंने अपना प्रारंभिक जीवन भारतीय चाय उत्पादक राज्य असम के जोरहाट में बिताया। आठ वर्ष की आयु में हिमाचल प्रदेश के सनावर स्थित लॉरेंस स्कूल में उन्हे दाखिला दिलाया गया जहां से उन्होंने वर्ष 1962 में सीनियर कैम्ब्रिज परीक्षा उत्तीर्ण की। स्कूल के बाद दत्ता ने दिल्ली विश्वविद्यालय के रामजस कॉलेज में दाखिला लिया जहाँ से उन्होंने वर्ष 1966 में अंग्रेजी साहित्य में कला स्नातक की उपाधि प्राप्त की। वर्ष 1969 में उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से अंग्रेजी साहित्य में स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त की।

  1. AWIC सम्मेलन की रिपोर्ट अंतिम बार 1 जुलाई, 2016 को एक्सेस की गई
  2. टेलिंग टेल्स: चिल्ड्रन्स लिटरेचर इन इंडिया, 1 जुलाई, 2016
  3. "सरकार ने पद्म पुरस्कारों की घोषणा की: यहाँ विजेता हैं | Latest News & Updates at Daily News & Analysis". डीएनए (अंग्रेज़ी में). 2018-01-25. अभिगमन तिथि 2018-01-25.

बाहरी कड़ियाँ

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असम से चाय अरूप कुमार दत्ता द्वारा