अलाउद्दीन साबिर कलियरी
13 वीं शताब्दी के दक्षिण एशियाई सूफी संत
अलाउद्दीन अली अहमद साबिर, (Alauddin Ali Ahmed Sabir), (صابر پیا साबिर पिया) जिन्हें साबिर कलियरी व साबिर पाक के रूप में भी जाना जाता है, 13 वीं शताब्दी में एक प्रमुख दक्षिण एशियाई सूफी संत थे। वह फ़रीदुद्दीन गंजशकर (1188-1280), [2]के उत्तराधिकारी और चिश्ती आदेश के सबरीया शाखा में सबसे पहले थे। इनकी दरगाह (सूफी मकबरा) हरिद्वार के निकट पिरान कलियर शरीफ गांव में है।
मखदूम अलाउद्दीन अली अहमद साबिर.[1] | |
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हजरत मखदूम अलाउद्दीन अली अहमद साबिर का मकबरा कलियर शरीफ शरीफ | |
धर्म | इस्लाम |
अन्य नाम | मखदुम-उल-आलम, सबिर पिया, मखदूम, गंज ए शकर के लाल, अली अहमद, बाबा सबीर, चराग ए चिश्त |
व्यक्तिगत विशिष्ठियाँ | |
जन्म |
569 हिज़री/1196 ईस्वी 19 रबि अल-अब्बलहेरात, अफगानिस्तान |
निधन |
690 हिज़री/1291 ईस्वी 11 रबि अल-अब्बलपिरान कालियार शरीफ, रुड़की , भारत |
पद तैनाती | |
कर्मभूमि | पिरान कलियर शरीफ, रुड़की |
उपदि | صابر پیا साबिर पिया |
पूर्वाधिकारी | बाबा फरीद |
उत्तराधिकारी | शमसुद्दीन तुर्क पानीपती, हैदर शाह पानीपति |
धार्मिक जीवनकाल | |
पद | सूफीवाद |
टिप्पणी
संपादित करेंSabir Piya अंग्रेजी में
इन्हें भी देखें
संपादित करेंसन्दर्भ
संपादित करें- ↑ Faizan e Hazrat Sabir Pak Kaliyar Sharif
- ↑ Sheikh Farid, by Harbhajan Singh (poet)|Dr. Harbhajan Singh. Hindi Pocket Books, 2002. ISBN 81-216-0255-6. Page 11.
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