अलिजिह्वीय नासिक्य (uvular nasal) एक प्रकार का व्यंजन है जो विश्व की कुछ भाषाओं में पाया जाता है, हालांकि यह हिन्दी और अंग्रेज़ी में प्रयोग नहीं होता। यह ध्वनि अक्सर 'क़' से पहले 'ङ' उच्चारित करते हुए स्वयं ही उत्पन्न हो जाती है। उदाहरण के लिए अक्सर हिन्दी के 'इंक़लाब' शब्द में 'ङ' को अनुनासिक को इस रूप में उच्चारित कर दिया जाता है। इसे अन्तर्राष्ट्रीय ध्वन्यात्मक वर्णमाला में 'ɴ' लिखा जाता है।[1]
- ↑ Ladefoged, Peter; Maddieson, Ian (1996). The Sounds of the World's Languages. Oxford: Blackwell. ISBN 0-631-19814-8.