अली अब्दुल्लाह सालेह: Ali Abdullah Saleh, (अरबी: علي عبد الله صالح‎, अली अब्दुल्लाह सालेह का जन्म वर्ष 1942 में सना प्रांत के सिनहान इलाक़े के बैतुल अहमर गाँव में हुआ था। उन्होंने अपने गाँव में से शिक्षा शुरू की लेकिन 16 साल की आयु में वह 1958 में सेना में शामिल हो गए जबकि इस बीच अपनी पढ़ाई भी जारी रखी। सालेह वर्ष 1962 में विद्रोह के योजनाकार युवा सैनिकों में शामिल थे। इस विद्रोह के बाद उन्हें सेना में बड़े पद मिले। सालेह को वर्ष 1978 में अन्तरिम राष्ट्रपति परिषद का सदस्य नियुक्त किया गया और साथ ही वह डिप्टी चीफ़ आफ़ आर्मी स्टाफ़ भी रहे, जिसके बाद वह राजनीतिक और सैनिक पदों पर तेज़ी से उन्नति करते चले गए। वर्ष 1982 में अली अब्दुल्लाह सालेह जनरल पीपल्ज़ कांग्रेस के महासचिव बन गए जो यमन की सत्ताधारी पार्टी थी। सालेह लम्बे समय तक राष्ट्रपति भी रहे लेकिन "अरब स्प्रिंग", जो यमन सहित मध्य पूर्व में फैला था, के दौरान सालेह का कार्यालय अधिक असमर्थ हो गया, और अधिक विरोध के कारण 2012 में राष्ट्रपति पद से हटा दिए गए।

अली अब्दुल्ला सालेह

म्रत्यु संपादित करें

4 दिसंबर 2017 को यमनी गृहयुध्द के दौरान सालेह राजधानी साना से पलायन करने का प्रयास कर रहे थे, तभी हौथी विद्रोहियों द्वारा हत्या कर दी गई थी।[1].[2]

सन्दर्भ संपादित करें

  1. Hakim Almasmari, Tamara Qiblawi and Hilary Clarke. "Yemen's former President Saleh killed in Sanaa". CNN. मूल से 4 दिसंबर 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 4 December 2017.
  2. "Analysis: Yemen's ex-president Saleh's killing was 'revenge'". Al Jazeera. मूल से 4 दिसंबर 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 4 December 2017.