अली बाबा मुख्य रूप से अली बाबा और चालीस चोर नामक कहानी में एक मुख्य किरदार है। यह एक हजार और एक रात की कहानी में भी है।[1]

कहानी संपादित करें

एक व्यापारी के दो बच्चे रहते हैं। एक का नाम अली बाबा रहता है और उसके बड़े भाई का नाम कास्सिम रहता है। उनके पिता के मृत्यु के पश्चात कास्सिम एक अमीर महिला के साथ शादी कर लेता है। वह अपने पिता के व्यापार को बढ़ा कर व्यापार करने लगता है, जबकि अली बाबा एक गरीब महिला से शादी कर लकड़ी काटने का कार्य करता है।

एक दिन अली बाबा जंगल में लकड़ी काटते रहता है कि वहाँ पर चालीस चोर आते हैं। वह अपना खजाना एक गुफा में छुपाए रहते हैं। वह जादुई गुफा केवल एक खास शब्द के कहने पर ही खुलती और बंद होती थी। वह लोग 'खुल जा सिमसिम' और बन्द हो जा सिमसिम कहते थे। जब वह चोर वहाँ से चले गए तो अली बाबा वहाँ जाकर एक सोने के थैली को लेकर अपने घर आ जाता है।

अली बाबा और उसकी पत्नी अमीर हो जाते हैं। वह कास्सिम और उसकी पत्नी को अपने यहाँ बुलाते हैं। कास्सिम की पत्नी, कास्सिम से उसके भाई के धन के स्रोत को पूछने के लिए कहती है। कास्सिम अली बाबा को ज़ोर देकर इस बारे में पूछता है। अली बाबा उसे उस थैली के बारे में बता देता है। कास्सिम उस गुफा में जाता है और अपने साथ एक गधे को भी ले जाता है। ताकि जितना हो सके उतना सोना एक बार में ले आ सके। वह उस जादुई शब्द के द्वारा उस गुफा में प्रवेश करता है। जैसे ही वह उस खजाना को देखता है, वह बहुत उत्साहित हो जाता है। वह इस उत्साह में बाहर निकलने के लिए शब्द भूल जाता है। जब वह चोर वहाँ वापस आते हैं, तो उसे देख कर उसे मार देते हैं। उसके लाश को गुफा के बाहर काट कर फेक देते हैं और सभी को दिखाते हैं कि अन्दर आने का क्या अंजाम होता है। जब उसका भाई बहुत देर तक नहीं आता तो अली बाबा उसे खोजने के लिए गुफा के पास जाता है, जहाँ उसे उसकी लाश दिखती है।

अली बाबा मोर्गियाना की सहायता से कास्सिम का लाश को घर लाने का सोचता है और कास्सिम के मौत को एक प्राकृतिक मौत दिखाना चाहता है। मोर्गियाना पहले एक उपचार केन्द्र से दवाई लेती है और एक कपड़ा सिलने वाले को देखती है। बाबा मुस्तफा नामक यह दर्जी कास्सिम के शरीर को जोड़ देता है, जिससे कोई भी शक न करे।

जब चोर वहाँ वापस आते हैं, तो वह शरीर वहाँ न पाकर वह जान जाते हैं कि कोई और भी इसके बारे में जानता है। वह बाहर जाकर उसकी खोज करने लगते हैं। एक चोर शहर में बाबा मुस्तफा के पास जाता है और उससे एक ऐसे लाश के बारे में पूछता है जो टुकड़ों में बंटा हो। वह चोर बाबा मुस्तफा से उस व्यक्ति के घर का पता पूछता है, लेकिन वह दर्जी उसे झूठ बोल देता है। वह चोर एक घर के आगे निशान लगा देता है। ताकि कोई और चोर उस निशान को देख कर सभी को मार डाले।

लेकिन उस चोर को मोर्गियाना देख लेती है। वह सभी के घर में उस तरह का निशान लगा देती है। उन चोरों का मकसद विफल हो जाता है। दूसरे दिन वह फिर से बाबा मुस्तफा के पास जाते हैं और एक पत्थर रख देते हैं। लेकिन अगले दिन भी मोर्गियाना इसे विफल कर देती है। इस कारण वह चोर अपने विफलता के कारण मार दिया जाता है। अब चोरो का सरदार आकार अली बाबा के घर को अच्छी तरह से देखता है याद कर लेता है।

उनका सरदार अपने साथी चोरों के साथ एक तेल व्यापारी बनकर आता है। जिसे उपचार की आवश्यकता बता कर उसके घर रुक जाता है। वह अपने साथ 38 तेल का बड़ा बर्तन लाता है। जिसमें 37 चोर छुपे होते हैं। वह सोचते हैं कि जब अली बाबा सो जाएगा तो सभी मिलकर उसे मार देंगे। लेकिन फिर मोर्गियाना को यह बात पता चल जाती है और वह 37 चोरों को मार देती है। जब उन चोरों के सरदार को यह बात पता चलती है तो वह भाग जाता है। अगले सुबह मोर्गियाना इस बारे में अली बाबा को बताती है। अली बाबा यह जानकार उसे अपने गुलामी से आजाद कर देता है।

अली बाबा से इसका बदला लेने के लिए उन चोरों का सरदार अब एक व्यापारी बन जाता है और अली बाबा के बेटे (जो अली बाबा के बड़े भाई कास्सिम के व्यापार को संभाल रहा है) के साथ मित्रता कर लेता है। वह उसे अली बाबा के घर रात में खाना खाने के लिए बुलाता है। इसके बाद वह चोर को मोर्गियाना पहचान जाती है। वह उस दौरान वहाँ पर नृत्य करते रहती है। वह अचानक उस व्यापारी को मार देती है। इससे अली बाबा पहले उसपर क्रोधित हो जाता है। फिर जब उसे सच्चाई पता चलती है तो वह अपने बेटे कि शादी मोर्गियाना के साथ करा देता है। इसके बाद केवल अली बाबा को ही उस गुफा के खजाने का और उसे उपयोग करने का राज पता होता है।

इन्हें भी देखें संपादित करें

सन्दर्भ संपादित करें

  1. "संग्रहीत प्रति". मूल से 30 जून 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 22 जुलाई 2015.

बाहरी कड़ियाँ संपादित करें