सर अलेक्जेंडर फिलिप्स मुडिमन (१४ फरवरी १८७५-१७ जुलाई १९२८) भारत में एक ब्रिटिश प्रशासक थे।

मुडिमन का जन्म लेटन बज़र्ड, बेडफर्डशायर, इंग्लैंड में हुआ था और उनकी शिक्षा विम्बॉर्न स्कूल और यूनिवर्सिटी कॉलेज, लंदन से हुई थी। वे १८९७ में भारतीय लोक सेवा में शामिल हुए और १८९९ में बिहार में सहायक कलेक्टर और मजिस्ट्रेट के रूप में बंगाल प्रेसीडेंसी में तैनात हुए। १९०२ में उन्हें बंगाल सरकार का अवर सचिव, १९०५ में कलकत्ता उच्च न्यायालय का कुलसचिव और अप्रैल १९१० में भारत सरकार के विधायी विभाग का उप सचिव नियुक्त किया गया। १९१५ में वे सचिव बन गए।

१९१९ में उन्हें नए भारतीय विधान मंडल के राज्य परिषद का अध्यक्ष नियुक्त किया गया। मार्च १९२४ में उन्हें भारत सरकार का गृह सदस्य और विधान सभा के निचले सदन का नेता नियुक्त किया गया।

१९२७ के अंत में उन्हें संयुक्त प्रांतों का राज्यपाल नियुक्त किया गया लेकिन वे तब तक बहुत बीमार हो चुके थे और जुलाई १९२८ में नैनीताल में दिल का दौरा पड़ने से उनकी मृत्यु हो गई।

मुडिमन को १९१३ में भारतीय साम्राज्य के आदेश का साथी और १९२० के नववर्ष के सम्मान में भारत के तारे का साथी नियुक्त किया गया था।[1] उन्हें १९२२ के नए साल के सम्मान में शूरवीर की उपाधि दी गई और १९२६ के जन्मदिन सम्मान में भारत के तारे के आदेश का शूरवीर सेनापति नियुक्त किया गया।

  • १८७५-१९१३: अलेक्जेंडर फिलिप्स मुडिमन
  • १९१३-१९२०: अलेक्जेंडर फिलिप्स मुडिमन, CIE
  • १९२०-१९२२: अलेक्जेंडर फिलिप्स मुडिमन, CSI, CIE
  • १९२२-१९२६: सर अलेक्जेंडर फिलिप्स मुडिमन, CSI, CIE
  • १९२६-१९२८: सर अलेक्जेंडर फिलिप्स मुडिमन, KCSI, CIE
  1. "No. 31712". The London Gazette (Supplement). 30 December 1919. पृ॰ 4.


  • जीवनी, ऑक्सफोर्ड डिक्शनरी ऑफ नेशनल बायोग्राफी
  • श्रद्धांजलि, द टाइम्स, 18 जून 1928