अवसादन

यह प्रक्रिया जल में उपस्थित अर्शेनिक को अलग करने में किया जाता है

किसी तरल (द्रव या गैस) में उपस्थित कणों का जमीन पर आकर बैठ जाना अवसादन (सेडिमेन्टेशन) या तलछटीकरण कहलाता हैं। अवसादन, तरल में निलम्बित कणों पर लगने वाले गुरुत्व बल या अपकेन्द्री बल के कारण होता है। भूविज्ञान में अवसादन को प्रायः अपरदन की विपरीत क्रिया माना जाता है। अपरदन एवं तलछट एक मिला जुला कार्य होता है । वास्तविकता में यह भी एक चट्टानों एवं वातावरण परिवर्तनों के कारण चट्टानों के क्षय या को मिट्टी का कटवा अपरदन के कारण मिट्टी के कन छोटे-छोटे कणों बन जाते हैं। वातावरण में परिवर्तनों के कारण भी होता है ।यह परिवर्तन वर्षा आदि के कारण चट्टाने मिट्टी पेड़ पौधे अपने मूल आधार में परिवर्तन होने लगता है वास्तविकता में इसका उपयोग वैज्ञानिक परीक्षणों के द्वारा इसमें उपस्थित रसायनों का प्रयोग करके इन सभी पदार्थो का दैनिक जीवन में उपयोग चल रहा है अवसाधन से मिले पदार्थ में पीएच मान अलग-अलग पदार्थ में भिन्न प्रकार से पाए जाते हैं इन पदार्थों का उपयोग उसे स्थान में उसमें उपस्थित पीएच मान के आधार पर किया जाता है आज वर्तमान में हमारे पृथ्वी पर बहुलता से उपयोग किया जा रहा हैं।

अवसादन