अवायवीय अपघटन या 'अवायवीय पाचन' (Anaerobic digestion) कई प्रक्रियाओं के समूह का नाम है जिसमें सूक्ष्मजीव आक्सीजन की अनुपस्थिति में जैव-अपघटनीय पदार्थों को विघटित कर देते हैं। अवायवीय अपघटन की यह प्रक्रिया बहुत उपयोगी है और औद्योगिक तथा घरेलू कचरा के प्रबन्धन या/एवं ईंधन (बायोगैस) के उत्पादन में प्रयोग की जाती है। इसके अलावा खाद्य पदार्थ तथा पेय बनाने के लिये जिस किण्वन का उपयोग किया जाता है वह भी अवायवीय अपघटन पर ही आधारित है।

तेल अवीव में कार्यरत एक अवायवीय अपघटन संयंत्र

अवायवीय अपघटन प्राकृतिक रूप से बहुत सी मृदाओं में होता है। यह झीलों और समुद्रों के द्रोणी (बेसिन) के तलछटों में भी होता है। वोल्टा ने १७७६ में जो मार्श गैस (मीथेन) खोजी थी उसका स्रोत यही था।

चित्र:Center
अवायवीय विघटन के चरण

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