अविनाश वाचस्पति (१४ दिसंबर १९५८, ०८ फरवरी २०१६) एक भारतीय साहित्यकार, लेखक और व्यंग्यकर थे। वे दिल्ली विश्वविद्यालय से कला स्नातक थे और भारतीय जन संचार संस्थान से 'संचार परिचय', तथा हिंदी पत्रकारिता पाठ्यक्रम पूरा किया था। साहित्यकार होने के साथ-साथ वे साहित्य, फ़िल्म और समाज से जुड़ी अनेक संस्थाओं के प्रबंधक पद पर काम कर चुके हैं।[1]

अविनाश वाचस्पति
जन्मअविनाश
14 दिसम्बर 1958
दिल्ली, भारत
मौत8 फ़रवरी 2016(2016-02-08) (उम्र 57 वर्ष)
दिल्ली, भारत
पेशाकवि, लेखक, साहित्यकार और व्यंग्यकर
राष्ट्रीयताभारतीय

उन्होंने लगभग सभी साहित्यिक विधाओं में लेखन किया है परंतु व्यंग्य, कविता एवं फ़िल्म पत्रकारिता में प्रमुख उपलब्धियाँ हैं। उनकी रचनाएँ भारत तथा विदेश से प्रकाशित लगभग सभी प्रमुख हिन्दी पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुकी हैं तथा उनकी कविताएँ चर्चित काव्य संकलनों में संकलित की गई हैं। वे हरियाणवी फ़ीचर फ़िल्मों 'गुलाबो', 'छोटी साली' और 'ज़र, जोरू और ज़मीन' में प्रचार और जन-संपर्क तथा नेत्रदान पर बनी हिंदी टेली फ़िल्म 'ज्योति संकल्प' में सहायक निर्देशक रहे हैं। वे राष्ट्रभाषा नव-साहित्यकार परिषद और हरियाणवी फ़िल्म विकास परिषद के संस्थापकों में भी हैं। सामयिक साहित्यकार संगठन, दिल्ली तथा साहित्य कला भारती, दिल्ली में उपाध्यक्ष और केंद्रीय सचिवालय हिंदी परिषद के शाखा मंत्री पद पर भी कार्य कर चुके अविनाश संप्रति इसके आजीवन सदस्य हैं। वे सर्वोदय कन्या विद्यालय नई दिल्ली के अभिभावक शिक्षक संघ में उप-प्रधान रह चुके हैं। [2]

'साहित्यालंकार' और 'साहित्य दीप' उपाधियों के साथ साथ उन्हें राष्ट्रीय हिंदी सेवी सहस्त्राब्दी सम्मान' से सम्मानित किया गया है। 'शहर में हैं सभी अंधे'उनकी मौलिक कविताओं का संग्रह है जिसे हिन्‍दी अकादमी, दिल्‍ली के सौजन्‍य से 'साहित्‍य मंदिर', नई सड़क, दिल्‍ली ने वर्ष 1994 में प्रकाशित किया है। उन्होंने काव्य संकलन 'तेताला' तथा 'नवें दशक के प्रगतिशील कवि' कविता संकलन का संपादन किया है। वे 'हिंदी हीरक' व 'झकाझक देहलवी' उपनामों से भी लिखते-छपते रहे हैं। संप्रति वे फ़िल्म समारोह निदेशालय, सूचना और प्रसारण मंत्रालय, नई दिल्ली में कार्यरत् हैं।[3]

  1. "सोशल मीडिया के मंचों से निकल रहा है नया साहित्य". न्यूज हिन्दी १८. 4 फरवरी 2013. मूल से 23 जुलाई 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 23 जुलाई 2018.
  2. सहगल, खुशदीप (११ दिसंबर २०१०). "मूर्ख' को भारत सरकार सम्मानित करेगी". देशनमा. मूल से 23 जुलाई 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि २३ जुलाई २०१८.
  3. कुमार, मुकेश. "हिन्‍दी ब्‍लॉगिंग की ताकत को कम करके आंकना बिल्‍कुल ठीक नहीं है:अविनाश वाचस्पति". ब्लॉगोत्सव-२०१०. मूल से 23 जुलाई 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि २३ जुलाई २०१८.

बाह्य कड़ियाँ

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