आठ मिट्टी के तसलों में यज्ञ अन्न को पकाने के बाद पुरोडाष नामक रोट तैयार किया जाता है और उस रोट से हवन किया जाता है, इस हवन के द्वारा वास्तु दोष को हटाने का मुख्य प्रयोजन होता है।