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(जनवरी 2017) |
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असमर लोक–संस्कृति असमिया भाषा के विख्यात साहित्यकार बिरंचिकुमार बरुआ द्वारा रचित एक लोक–संस्कृति का अध्ययन है जिसके लिये उन्हें सन् 1964 में असमिया भाषा के लिए मरणोपरांत साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया।[1]