अहमद और मुहम्मद हुसैन
भारतीय संगीतकार
उस्ताद अहमद हुसैन और मुहम्मद हुसैन भारत के राजस्थान सूबे के शहर जयपुर से दो भाई हैं जो क्लासिकी ग़ज़ल गायकी करते हैं। उनके वालिद साहिब का नाम उस्ताद अफ़्ज़ल हुसैन है जो ग़ज़ल और ठुमरी के उस्ताद माने जाते थे।[1]
उस्ताद अहमद हुसैन और मुहम्मद हुसैन | |
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जन्म | 1951, 1953 राजस्थान, भारत |
विधायें | ग़ज़ल, क्लासिकल, भक्ति, भजन, लोकप्रिय |
पेशा | संगीतकार, गायक, संगीत निर्देशक, कार्यकर्ता, उद्यमी |
वाद्ययंत्र | कंठ संगीत, हारमोनियम, तानपुरा, पियानो |
सक्रियता वर्ष | 1958–अब तक |
लेबल | ईएमआई, HMV, सारेगामा, यूनिवर्सल संगीत, सोनी बीएमजी संगीत मनोरंजन, पॉलिडोर, टिप्स इंडस्ट्रीज़, वीनस, टी-सीरीज़ |
गायकी की सफ़र
संपादित करेंये दोनों भाइयों को क्लासिकी संगीत, भजन और ग़ज़लों गाते हैं। उन्होंने अपनी गायकी की सफ़र 1958 में शुरू की थी।[2] क्लासिकी ठुमरी फ़नकारों के तौर पर, उनकी पहली एलबम 'गुलदस्ता' है जो 1980 में रिलीज़ हुई, और बहुत कामयाब रही। फिर इसके बाद अपनी संगीत को अवाम तक ले जाने के वास्ते उन्होंने अब तक 50 एलबमों को बनाईं। फिर इसके बाद अपनी एलबम 'मान भी जा' में टैंपॉ संगीत अपना कर अपने संगीत को मक़बूल बनाने का उपराला किया।[3]
इनाम
संपादित करें- संगीत नाटक अकादमी इनाम - साल 2000 में[4]
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "Ghazal brothers Ustad Ahmed and Mohammed Hussain on Idea Jalsa". मूल से 4 नवंबर 2011 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 3 November 2011.
- ↑ "संग्रहीत प्रति". मूल से 3 मार्च 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 26 अप्रैल 2015.
- ↑ "संग्रहीत प्रति". मूल से 25 अक्तूबर 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 26 अप्रैल 2015.
- ↑ "संग्रहीत प्रति". मूल से 9 जुलाई 2011 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 26 अप्रैल 2015.