आईरिस की पहचान अपने आप होने वाले बायोमेट्रिक तकनीक के तरीके से होती है। जो गणिकी पैट्रन का प्रयोग करके आईरिस की पहचान करता है। ये आईरिस पैट्रन एक जटील और किसी भी इंसान के अलग और यूनिक होते हैं, जिस से किसी भी इंसान की पहचान बड़ी आसानी से की जा सकती है। रेटिनल स्कैनिंग एक अलग तरह की बायोमेट्रिक तकनीक है जिसमें रेटिना में मौजूद ब्लड वेसल्स का अनोखा पैट्रन होने की वजह से उनकी पहचान आसानी से की जा सकती है। ज्यादातर आईरिस पैट्रन और रेटिना ब्लड वेसल्स के पैट्रन में गडबडा जाते हैं। आईरिस पैट्रन की पहचान नियर इन्फ्रारेड इल्लुमिनसायन जो विडियो कैमरा तकनीक में होता है, उस से किया जाता है।

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