किशोरों और नौजवानों या किसी भी आयु के लोगों बीच आकस्मिक संभोग उस यौन सम्बंध को कहते हैं जिसमें किसी स्नेह भाव या लम्बे समय के रिश्ते की आस के बिना लोग इस प्रक्रिया का भाग बनते हैं। आधुनिक काल में बहुप्रचलित इंटरनेट से प्राप्त मानव सम्बंधों का अपार ज्ञान, विभिन्न डेटिंग ऐप, बाज़ार में उपलब्ध गर्भ निरोधक सामग्री, हर आयु के लोगों को, विशेष रूप से युवकों और युवतियों को इस दिशा में अपनी ओर आकर्षित करते हैं। [1]

एक डेटिंग

एक रात का साथ व्यक्तियों के बीच एक एकल यौन मुठभेड़ है, जहां कम से कम एक पक्ष का दीर्घकालिक यौन या रोमांटिक संबंध स्थापित करने का कोई तत्काल इरादा या अपेक्षा नहीं है। गुमनाम सेक्स उन लोगों के बीच वन-नाइट स्टैंड या कैज़ुअल सेक्स का एक रूप है, जिनका एक-दूसरे के साथ बहुत कम या कोई इतिहास नहीं है, अक्सर अपनी मुलाकात के एक ही दिन यौन क्रिया में संलग्न होते हैं और आमतौर पर एक-दूसरे को फिर कभी नहीं देखते हैं।

सामाजिक सेक्स

फ्रेंड्स विथ बेनिफिट्स एंड बूटी कॉल शब्द उन स्थितियों का वर्णन करते हैं जिनमें एक व्यक्ति किसी ऐसे व्यक्ति के साथ यौन संबंध रखता है जिसे वे आम तौर पर एक दोस्त या किसी ऐसे व्यक्ति के रूप में मानते हैं जिसके वे काफी करीब हैं। वे एक विशेष रोमांटिक रिश्ते में नहीं हैं । इसमें शामिल पार्टियों के पास भावनात्मक लगाव की एक डिग्री हो सकती है, लेकिन किसी भी कारण से, "स्ट्रिंग्स अटैच" नहीं करना चाहते हैं।

दुष्प्रभाव

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  • इस से यौन संचारित रोगों का खतरा बढ़ जाता है।
  • समाज में अवांछित गर्भावस्था के मामलों और नाजयज़ बच्चों के जन्म में वृद्धि हो सकती है।
  • सामाजिक अराजकता और मनोवैज्ञानिक समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं।[1]
  • घर के परिवार को इस बात का पता लग सकता है और इससे आशांआशांति फैल सकती है ।

खेद की भावना

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अचानक बने यौन संबंध में कई ऐसी वजहें होती हैं जिनसे दोनों पक्षों के लिए खेद और पछतावे की स्थिति पैदा हो सकती है। नैतिकता के स्तर पर भी खेद की भावना घर करती है और यौन संक्रमण का भी डर लगा रहता है।[2]

पश्चिमी देशों में शोध और वहाँ के लोगों के विचार

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न्यूयॉर्क और कॉर्नेल यूनिवर्सिटी में 371 विद्यार्थियों पर लगातार 9 महीने तक हुई शोधार्थियों के अध्ययन में ये नतीजा निकलकर आया कि युवकों के रवैये और मानव स्वभाव से यह स्पष्ट है कि यदि आकस्मिक संभोग से गैर-प्रतिबद्धता और आवश्यक प्रसन्नता की सामयिक प्राप्ति जैसे कारणों की वजह से स्वीकार योग्य है समझा गया है। [3]

इन्हें भी देखें

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  1. "संग्रहीत प्रति". मूल से 2 सितंबर 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2 सितंबर 2018.
  2. "संग्रहीत प्रति". मूल से 2 सितंबर 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2 सितंबर 2018.
  3. "संग्रहीत प्रति". मूल से 3 सितंबर 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2 सितंबर 2018.

बाहरी कड़ियाँ

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