दर्शनशास्त्र और तर्कशास्त्र में आकारिक तर्कदोष (formal fallacy) किसी दी गयी युक्ति (तर्क) में प्रारूपी दोष होने को कहते हैं।[1] इसके लिए अन्य शब्द निगमनात्मक तर्कदोष (deductive fallacy), तार्किक तर्कदोष (logical fallacy) या नानुमिति (non sequitur) भी काम में लिए जाते हैं।[2]

  1. तर्कदोषों का परिचय, अभिगमन तिथि: 24 अगस्त 2024
  2. बार्कर, स्टीफन एफ॰ (2003) [1965]. "Chapter 6: Fallacies (पाठ 6: तर्कदोष)". The Elements of Logic [तर्क के तत्व] (अंग्रेज़ी में) (6ठा संस्करण). न्यॉर्क: मैकग्रॉ हिल. पपृ॰ 160–169. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 0-07-283235-5.